एशेज: क्रिकेट की सबसे पुरानी और चर्चित प्रतिद्वंद्विता

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मेलबर्न, 18 नवंबर (एपी) बहुत कम खेल प्रतियोगिताएं एशेज जैसा इतिहास, नाटकीयता और आभा लिए होती हैं जिसकी शुरुआत 1882 में एक समाचार पत्र में प्रकाशित शोक संदेश से हुई थी जो बाद में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विता का प्रतीक बन गई।

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज को लेकर चली आ रही यह प्रतिद्वंद्विता 100 साल से भी पुरानी है जिसका नया अध्याय 21 नवंबर से पर्थ में शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला से लिखा जाएगा।

एशेज श्रृंखला अंतरराष्ट्रीय खेलों की सबसे पुरानी और सबसे प्रतिष्ठित प्रतिद्वंद्विताओं में से एक है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच टेस्ट क्रिकेट प्रतियोगिताएं शामिल हैं।

इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 1877 में हुई थी। खेल के नियमों के संरक्षक मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के अनुसार, ‘‘एशेज‘‘ शब्द का पहली बार इस्तेमाल अगस्त 1882 में द स्पोर्टिंग टाइम्स में छपे एक व्यंग्यात्मक श्रद्धांजलि लेख में हुआ था, जब इंग्लैंड की टीम पहली बार घरेलू धरती पर ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी।

इस शोक संदेश में कहा गया था कि इंग्लिश क्रिकेट का अंतिम संस्कार किया जाएगा और एशेज यानी राख को ऑस्ट्रेलिया ले जाया जाएगा। इंग्लैंड के कप्तान इवो ब्लाई ने उसी साल बाद में एशेज वापस लाने की शपथ लेकर अपनी टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया।

इंग्लैंड की जीत के बाद एक प्रशंसक ने ब्लाई को एशेज के प्रतीक के रूप में एक छोटा सा टेराकोटा कलश भेंट किया। और इस तरह एशेज और कलश का अटूट संबंध हो गया।

उसी दिन ब्लाई की मुलाक़ात अपनी भावी पत्नी से हुई। यह दंपत्ति इस कलश को अपने साथ इंग्लैंड ले गया तथा ब्लाई के निधन तक यह उनके परिवार के पास ही रहा और बाद में इसे एमसीसी को सौंप दिया गया। इस तरह से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज श्रृंखला की शुरुआत हुई।

एशेज मेंं इसके बाद इन दोनों देशों के बीच कई कड़े मुकाबले देखने को मिले जहां उनकी प्रतिद्वंद्विता अपने चरम पर पहुंची। इनमें 1932-33 की ‘बॉडीलाइन’ श्रृंखला भी शामिल है जिसमें इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों में विशेष कर डॉन ब्रैडमैन को रोकने के लिए शरीर को निशाना बनाकर गेंदबाजी की थी। इसके बाद नियमों में बदलाव किया गया ताकि भविष्य में कोई टीम ऐसा नहीं कर पाए।

शेन वॉर्न ने 1993 में ओल्ड ट्रैफर्ड में एशेज में की गई अपनी पहली गेंद पर ही माइक गैटिंग को बोल्ड किया था। अत्यधिक टर्न लेने वाली इस गेंद को बाद में ‘‘बॉल ऑफ़ द सेंचुरी‘‘ चुना गया था।

एशेज 2017 से ऑस्ट्रेलिया के पास है और इंग्लैंड को उसे वापस पाने के लिए अपनी तरफ से एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा। इंग्लैंड ने 2011 से ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट मैच नहीं जीता है। उसने आस्ट्रेलिया में आखिरी श्रृंखला भी 2011 में ही जीती थी।

पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला शुक्रवार से पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में शुरू होगी। दूसरा टेस्ट ब्रिस्बेन के गाबा में चार दिसंबर से शुरू होगा। यह दिन रात्रि टेस्ट मैच होगा। तीसरा टेस्ट एडिलेड ओवल में 17 से 21 दिसंबर तक खेला जाएगा। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड अपने पारंपरिक बॉक्सिंग डे टेस्ट की मेजबानी 26 दिसंबर से करेगा और पांचवां टेस्ट सिडनी में चार जनवरी से शुरू होगा।

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