श्रीनगर, 17 नवंबर (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के लोकसभा सदस्य आगा सैयद रुहुल्ला ने सोमवार को कहा कि नौगाम थाने में हुए आकस्मिक विस्फोट की गहन जांच होनी चाहिए और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
रुहुल्लाह ने यहां एक निजी अस्पताल में घायलों से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा, “विस्फोट के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करने की जरूरत है। उचित जांच होनी चाहिए और एक रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए। जो भी इस चूक के लिए जिम्मेदार पाए जाएं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
श्रीनगर से लोकसभा सदस्य ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच जरूरी है कि विस्फोट कोई आतंकवादी हमला नहीं था, जैसा कि सरकार दावा कर रही है।
उन्होंने कहा, “कहा जा रहा है कि यह एक दुर्घटना थी। इसे साबित करना जरूरी है। और अगर यह साबित हो जाता है कि यह सचमुच एक दुर्घटना थी, तो इस घटना के पीड़ितों के साथ न्याय उन लोगों को जिम्मेदार ठहराकर किया जाएगा जिनकी लापरवाही के कारण यह हुआ।”
सांसद ने दावा किया कि इस घटना में ‘बहुत सारे पेंच हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, “अत्यधिक विस्फोटक सामग्री को इतनी असंवेदनशीलता से रखा गया, इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक एक रिहायशी इलाके में लाए गए और बिना किसी पेशेवर की मौजूदगी के इसे गैर-पेशेवर तरीके से रखा गया।”
रुहल्ला ने कहा, “इससे जान-माल का नुकसान हुआ। संपत्ति के नुकसान की भरपाई तो की जा सकती है, लेकिन जान-माल के नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती। मौतों का असर सिर्फ जान गंवाने वाले व्यक्ति तक ही सीमित नहीं है बल्कि उनके परिवार भी जीवन भर प्रभावित होते हैं।”
राजनीतिक पार्टियों द्वारा इस दुर्घटना पर राजनीति करने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोप का जवाब देते हुए रुहुल्लाह ने कहा कि कश्मीर में किसी ने भी इस घटना पर कोई राय बनाने में जल्दबाजी नहीं की।
उन्होंने कहा, “नेताओं ने नहीं की और लोगों ने भी नहीं। हालांकि, सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह आतंकी हमला था या नहीं। अगर यह आतंकी हमला नहीं था तो इतनी चूक क्यों हुई?”
सांसद ने कहा, “अगर मुझे राजनीति करनी होती तो मैं सरकार को दोषी ठहराता। कृपया याद रखें कि सुरक्षा और कानून-व्यवस्था अब भी उपराज्यपाल के पास है और जिम्मेदारी भी उन्हीं की है।”
उन्होंने दावा किया, “हम ऐसी घटनाओं पर राजनीति नहीं करते क्योंकि हम पीड़ित हैं। आपने इसे दिल्ली में देखा। एक घटना हुई और कश्मीरियों को निशाना बनाया गया। पहलगाम हमला हुआ और कश्मीर के लोग फिर चाहे वह मुस्लिम हो या गैर-मुस्लिम विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए लेकिन भाजपा ने आतंकवादी कृत्य को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करके इस पर भी राजनीति की। ”