जयपुर, 16 नवंबर (भाषा) राजस्थान सरकार ने रविवार को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वी श्रीनिवास को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया।
कार्मिक विभाग ने रविवार को उनकी नियुक्ति का आदेश जारी किया। इससे पहले निवर्तमान मुख्य सचिव सुधांश पंत को कार्यमुक्त किया गया था, जो केंद्र में कार्यभार संभालेंगे।
आदेश के अनुसार, ‘‘वी. श्रीनिवास को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने पर मुख्य सचिव, राजस्थान नियुक्त किया जाता है।’’
इसके अनुसार श्रीनिवास अपने पद के कार्य के साथ साथ राजस्थान राज्य खान एवं खनिज निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और मुख्य आवासीय आयुक्त (नयी दिल्ली) के पद का अतिरिक्त कार्यभार भी आगामी आदेश तक संभालेंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले सात साल से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत श्रीनिवास को केंद्र सरकार ने 14 नवंबर को कार्यमुक्त कर दिया था। वे मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करेंगे।
कार्यमुक्त होने से पहले श्रीनिवास केंद्र सरकार में प्रशासनिक सुधार, लोक शिकायत विभाग में सचिव के पद पर कार्यरत थे। मुख्य सचिव के रूप में उनका कार्यकाल उनकी सेवानिवृत्ति, सितंबर 2026 तक रहेगा।
अधिकारियों ने संकेत दिया है कि इस नियुक्ति के बाद एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होने की संभावना है।
राज्य भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों की वरिष्ठता सूची में श्रीनिवास केवल एक अधिकारी से कनिष्ठ हैं। वे 1988 बैच के सुबोध अग्रवाल के बाद राज्य कैडर में दूसरे सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं। अग्रवाल दिसंबर में सेवानिवृत्त होने वाले हैं और वर्तमान में राजस्थान वित्त निगम (आरएफसी) के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। दिसंबर के बाद से श्रीनिवास राजस्थान में सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी होंगे।
श्रीनिवास का लंबा प्रशासनिक अनुभव रहा है। उन्होंने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत 1989 में भीलवाड़ा के उपखंड अधिकारी के रूप में की। बाद में निंबाहेड़ा के उपखंड अधिकारी के रूप में कार्य किया। 1995 से 1998 के बीच, वे जलग्रहण विकास एवं मृदा संरक्षण विभाग के निदेशक रहे। उन्होंने पाली और जोधपुर के कलेक्टर के रूप में भी काम किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान उन्होंने तत्कालीन विदेश एवं वित्त मंत्री जसवंत सिंह के निजी सचिव के रूप में काम किया। बाद में उन्होंने वाशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत के कार्यकारी निदेशक के तकनीकी सहायक के रूप में कार्य किया। उन्होंने अपने करियर का लंबा कार्यकाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बिताया है।