कोई निराशा नहीं, मुझे नहीं लगता कि अपनी बल्लेबाजी में कुछ बदलने की जरूरत है: सरफराज

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मुंबई, 15 नवंबर (भाषा) भारत और मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान ने शनिवार को कहा कि वह मौजूदा घरेलू सत्र में ज्यादा रन नहीं बना पाने से ‘बिल्कुल निराश’ नहीं हैं और उन्हें अपनी बल्लेबाजी में कोई बदलाव करने की जरूरत महसूस नहीं हो रही है।

भारतीय टेस्ट टीम से बाहर होने के बाद से सरफराज के लिए रणजी ट्रॉफी का अब तक का सत्र निराशाजक रहा है। उन्होंने चार मैचों में 22.20 की औसत से सिर्फ 111 रन बनाए हैं और इस दौरान उन्होंने एक भी अर्धशतक नहीं लगाया है।

भारतीय टेस्ट टीम में शामिल होने से पहले उन्होंने रणजी सत्र में कई बड़ी पारियां खेली थी। उन्होंने 2022-23 सत्र में छह मैचों में 92.66 की औसत से 556 रन बनाए, 2021-22 में छह मैचों में 122.75 की औसत से 982 रन बनाए और इससे पहले सरफराज ने 2019-20 सत्र में छह मैचों में 154.66 की औसत से 928 रन बनाए।

सरफराज ने शनिवार को वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई के अभ्यास सत्र के दौरान मीडिया से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मुझे कुछ बदलने की जरूरत है क्योंकि मैं अच्छा कर रहा हूं। मैंने हमेशा (अभ्यास में) बहुत सारी गेंदें खेली हैं और अब भी मैं जितना हो सके अभ्यास करने की कोशिश करता हूं।’’

दाएं हाथ के बल्लेबाज ने पुडुचेरी के खिलाफ मुकाबले से पहले कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मुझे कुछ बदलने की जरूरत है क्योंकि मैं अच्छा कर रहा हूं। मैंने हमेशा बहुत सारी गेंदें खेली हैं और अब भी मैं जितना हो सके अभ्यास करने की कोशिश करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हर मैच में रन नहीं बनाए जा सकते। पिछले चार सत्र में हमने अच्छा प्रदर्शन किया है और कभी-कभी बल्लेबाज अच्छा खेलने के बावजूद अपना विकेट गंवा देता है। लेकिन हम हमेशा रन बनाने की राह पर वापस आ सकते हैं।’’

भारतीय टेस्ट टीम से बाहर होना भी एक कारण हो सकता है लेकिन सरफराज ने कहा कि वह बल्ले से अपनी वापसी से बिल्कुल भी निराश नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘बिल्कुल भी निराशा नहीं है। अगर आप मेरा रिकॉर्ड देखें तो मैंने खूब रन बनाए हैं। लोग चार साल में एक सत्र में हजार रन बनाते हैं लेकिन मैंने चार-पांच साल खूब रन बनाए हैं।’’

सरफराज ने टीम को आगे बढ़ाने के लिए अपने भारतीय साथी और मुंबई के कप्तान शारदुल ठाकुर की जमकर तारीफ की।

उन्होंने कहा, ‘‘टीम हमेशा मेरा समर्थन करती है और हमारे पास एक बहुत अच्छा कप्तान है। शारदुल भाई बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। मैं पिछले दो साल से यहां नहीं था, मैं घरेलू क्रिकेट नहीं खेल रहा था क्योंकि मैं भारतीय टीम के साथ था और मैं अपनी टीम (मुंबई) के साथ यहां नहीं था, लेकिन जिस तरह से शारदुल नेतृत्व कर रहे हैं, वह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।’’

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