मुंबई, 15 नवंबर (भाषा) आक्रामक सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहने के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आईसीसी महिला विश्व कप फाइनल से पहले उनकी रातें नींद के बिना और चिंता के साथ गुजरी थी।
मुंबई में अंतिम चार के मैच से पहले चोटिल प्रतीका रावल की जगह लेने वाली शेफाली हाल ही में संपन्न महिला विश्व कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया खिलाफ पांच गेंदों में 10 रन बनाकर आउट हो गईं। उन्होंने हालांकि फाइनल में शानदार प्रदर्शन कर भारत को चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया।
जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स द्वारा समर्थित शेफाली ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘जैसा कि मैंने पहले कहा, ऐसा नहीं है कि मैं विश्व कप में पहली बार सेमीफाइनल खेल रही थी। मैं पहले भी खेल चुकी हूं और मुझे दबाव को संभालने का अनुभव है। लेकिन मैं सेमीफाइनल (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी और केवल मैं ही जानती हूं कि फाइनल तक मैंने रातें कैसे बिताईं।’’
शेफाली ने हालांकि फाइनल में 78 गेंदों में 87 रनों की पारी खेलने के बाद दो विकेट लेकर मैच का रुख पलट दिया। भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर अपना पहला वनडे विश्व कप जीता।
शेफाली ने कहा कि उनकी रणनीति अपने तरीके से बल्लेबाजी करने की थी।
शेफाली ने कहा, ‘‘मुझे पता था कि टीम मुझसे क्या चाहती है। इसलिए फाइनल में मैंने चीजों को सरल रखा और अपनी रणनीति पर अमल करने के बारे में सोचा। यह अच्छा रहा और मैं टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा ध्यान मैदानी शॉट खेलने पर था क्योंकि वह पिच हवाई शॉट खेलने की मुफीद नहीं थी। गेंदबाजों को थोड़ी मदद मिल रही थी और गेंद थोड़ी रुक कर भी आ रही थी।
हरियाणा की 21 वर्षीया खिलाड़ी ने हालांकि कहा कि विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट की शुरुआत सेमीफाइनल से करना उनके लिए आसान नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि मुझ पर कोई बोझ नहीं था क्योंकि मैं सेमीफाइनल के लिए टीम में शामिल हुई थी लेकिन मैं दबाव महसूस कर पा रही थी। मुझे पता था कि ये मैच मेरे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। जब मुझे कॉल आया, तो मैंने सोचा कि मैं टीम को जीत दिलाने की पूरी कोशिश करूंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने चीजों को सरल रखा क्योंकि कई बार हम सोचते हैं कि हमें बड़ा दिल रखना है और हम दबाव में आ जाते हैं। मैंने मैचों से पहले अपने अभ्यास सत्रों पर बहुत काम किया और चीजों को सरल रखा।’’