देहरादून, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने शनिवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार ‘इंडिया’ गठबंधन के सूत्रधार हैं और भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लौटने से उनकी छवि को नुकसान होगा।
रावत ने यह भी कहा कि अगर कुमार को कोई शिकायत है तो उसका समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘राजद और हम सभी, समाधान तलाशने के लिए तैयार हैं।’’
कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ने के बाद अगस्त 2022 में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से हाथ मिला लिया था। इसके बाद, उन्होंने आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए देश भर में सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने का अभियान शुरू किया, जिसकी परिणति ‘इंडिया’ गठबंधन के गठन के रूप में हुई।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘अगर उनकी (कुमार की) कुछ शिकायतें हैं तो गठबंधन के भीतर दूर की जाएंगी। राजद और हम सभी, समाधान तलाशने के लिए तैयार हैं। उन्हें पाला बदलने की जरूरत नहीं है। इससे उनकी छवि खराब होगी।’’
रावत ने भाजपा का जिक्र करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं नहीं चाहता कि वह उस पार्टी के शरण में जाने की गलती करें जिसके बारे में वह कहा करते थे कि वह उसमें वापस जाने के बजाय मर जाना पसंद करेंगे।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वह (कुमार) ‘इंडिया’ गठबंधन के सूत्रधार हैं। वह इस गठबंधन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। एक परिवार में शिकायतें होना सामान्य हैं। लेकिन फिर समाधान भी उसी में मिल जाते हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी गठबंधन उम्मीद के मुताबिक आकार ले रहा है, रावत ने कहा कि इसके घटक कई राज्यों में एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं और उनके बीच मतभेद पैदा होने की आशंका है, लेकिन इन्हें सुलझाया जा सकता है।
पश्चिम बंगाल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टियां, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उस राज्य में प्रतिद्वंद्वी हैं लेकिन उनमें से किसी ने भी नहीं कहा है कि वे गठबंधन से बाहर जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के बारे में रावत ने कहा कि वह ‘इंडिया’ गठबंधन की आत्मा और संघर्ष का प्रतीक हैं। हालांकि, बनर्जी ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव ‘‘अकेले’’ लड़ेगी।
आम आदमी पार्टी (आप) के इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कि भाजपा उसके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है, रावत ने कहा कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त हमेशा से भाजपा का एजेंडा रहा है।
रावत ने कहा, ‘‘2016 में भाजपा ने उत्तराखंड में मेरी सरकार के साथ ऐसा करने की कोशिश की लेकिन वह नाकाम रही। अगर उच्चतम न्यायालय ने इसे फटकार नहीं लगाई होती और उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए मजबूर नहीं किया होता…तो (दिल्ली में अरविंद) केजरीवाल की सरकार गिरा दी गई होती और हिमाचल प्रदेश तथा कर्नाटक में भी ऐसा ही होता। महाराष्ट्र में भी भाजपा ने यही किया।’’