चेन्नई, 13 नवंबर (भाषा) केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार पर सफाई कर्मचारियों को “धोखा” देने का आरोप लगाया।
चेन्नई में सफाई कर्मचारियों द्वारा सेवाओ को नियमित करने की मांग और ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के दो क्षेत्रों (रॉयपुरम और थिरु विका) में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के निजीकरण के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संघर्षरत सफाई कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं दिख रही है।
श्रमिक एक अगस्त से ही राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं ।
मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पूछा, “द्रमुक सरकार 15 नवंबर को सफाई कर्मचारियों के लिए मुफ्त भोजन शुरू करने की घोषणा करके नाटक कर रही है। इस दौरान (मुफ्त भोजन सुविधा शुरू करने के कार्यक्रम में) कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार के व्यंजन उपलब्ध कराए जाएंगे और उसके बाद उन्हें क्या मिलेगा।”
स्कूली बच्चों के लिए मुफ्त नाश्ते की योजना पर निशाना साधते हुए मुरुगन ने दावा किया कि छात्रों को पता नहीं है कि उन्हें “पूरी, पोंगल, वड़ा आदि तभी मिलेगा जब मुख्यमंत्री एम के स्टालिन एक तस्वीर लेंगे।”
केंद्रीय मंत्री ने पोस्ट में पूछा, “क्या यह बताने की जरूरत है कि द्रमुक सरकार, जो अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में वसूली, भ्रष्टाचार और कमीशन में लिप्त है, सफाई कर्मचारियों को भोजन कैसे उपलब्ध कराएगी?”
मुरुगन ने आरोप लगाया कि विभिन्न प्रकार के व्यंजन तभी उपलब्ध होंगे जब मुख्यमंत्री फोटो खिंचवाने के लिए कार्यक्रम में आएंगे।
उन्होंने कहा कि यदि स्टालिन को सफाई कर्मचारियों की “थोड़ी सी भी चिंता” है, तो वह “विज्ञापन मॉडल और धोखाधड़ी वाले अभियानों को छोड़ देंगे और सफाई कर्मचारियों की वैध मांगों को पूरा करेंगे।”