द लेंसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार स्तन कैंसर में आनुवंशिकता की तो महत्त्वपूर्ण भूमिका है ही पर उससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका इस बात की है कि महिला कितनी अवधि तक शिशु को स्तनपान कराती है। इस शोध के विशेषज्ञों व अमेरिकन कैंसर विशेषज्ञ यूगिना कैले के अनुसार आज के इस औद्योगिक युग में पिछले कुछ वर्षों से रहन-सहन के स्तर में बहुत परिवर्तन आया है और इसके प्रभावस्वरूप स्तन कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इस शोध में यह पाया गया कि अगर महिला अपने शिशु को प्रथम 6 मास तक दूध पिलाती है तो शिशु के स्वास्थ्य पर तो अच्छा प्रभाव पड़ता ही है, साथ ही महिला के स्तर कैंसर होने की संभावना को 5 प्रतिशत कम करती है।