थिम्पू, 12 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को भूटान की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा समाप्त कर नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इस यात्रा के दौरान उन्होंने भारतीय सहायता से निर्मित 1,020 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया और भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ वार्ता की।
भूटान नरेश प्रधानमंत्री मोदी को हवाई अड्डे पर विदा करने आए।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह यात्रा भारत-भूटान द्विपक्षीय मित्रता को और गहरा करेगी तथा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाएगी।’’
मोदी और भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने मंगलवार को व्यापक चर्चा के बाद पुनात्सांचु-2 परियोजना का उद्घाटन किया। इस परियोजना से उत्पादित बिजली दोनों देशों को आपूर्ति की जाएगी।
भारत ने भूटान में ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 4,000 करोड़ रुपये की रियायती ऋण सुविधा की भी घोषणा की।
मोदी ने बुधवार को भूटान में आयोजित वैश्विक शांति प्रार्थना उत्सव में नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और पूर्व नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक के साथ ‘कालचक्र एम्पॉवरमेंट’ समारोह का उद्घाटन किया।
इससे पहले, बुधवार को मोदी ने भूटान के पूर्व नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मुलाकात की और कहा कि वह दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए वर्षों से उनके द्वारा किए गए व्यापक प्रयासों की सराहना करते हैं।
मोदी ने मंगलवार को चांगलीमेथांग स्टेडियम में भूटान के चौथे ‘ड्रुक ग्यालपो’ जिग्मे सिंग्ये वांगचुक के 70वें जन्मदिन के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और भूटान के बीच सदियों से गहरा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंध रहा है और इस ‘महत्वपूर्ण अवसर’ पर भाग लेना उनकी प्रतिबद्धता थी।