अगर मजबूत नेटवर्क न होता, तो हम इतने सफल नहीं होते: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर वीसीएएस

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नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) वायुसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने दिखाया है कि एक प्रभावी अभियान कैसे चलाया जा सकता है और यदि ‘‘अच्छा और मजबूत नेटवर्क’’ नहीं होता तो वायुसेना इस सैन्य कार्रवाई में शायद इतनी सफल नहीं हो पाती।

वायु सेना के उप प्रमुख (वीसीएएस) एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने एक रक्षा संगोष्ठी के दौरान अपने संबोधन में कहा कि पिछले 20 वर्ष में देश की सेना के लिए एकीकृत नेटवर्क प्रणाली विकसित हुई है और यह किसी भी संभावित खतरे के संदर्भ में पूरे देश पर नजर रखने में मदद करती है।

उन्होंने इस नेटवर्क के महत्व का जिक्र करते हुए बताया कि किस प्रकार भारतीय वायु सेना की एकीकृत वायु कमान एवं नियंत्रण प्रणाली (आईएसीसीएस) जैसी वायु रक्षा प्रणालियों ने मई में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारत ने सात मई की सुबह सैन्य अभियान शुरू किया था और पाकिस्तान एवं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कई आतंकवादी ढांचों को ध्वस्त कर दिया।

पाकिस्तान ने भी भारत के खिलाफ हमले किए जिसके बाद भारत द्वारा किए गए सभी जवाबी हमले भी ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए। इसके बाद 10 मई की शाम को एक सहमति पर पहुंचने के बाद दोनों परमाणु शस्त्र संपन्न पड़ोसियों के बीच सैन्य संघर्ष रुक गया।

एयर मार्शल तिवारी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने अगर कुछ दिखाया है, तो वह यह है कि ‘‘अगर हमारा नेटवर्क मजबूत हो और हमारे पास निर्णय लेने के लिए सही उपकरण हों, तो एक प्रभावी ऑपरेशन कैसे चलाया जा सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस ऑपरेशन की पृष्ठभूमि में, मैं यह स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि अगर एक अच्छा और मजबूत नेटवर्क न होता, तो हम इतने सफल नहीं होते… हम शायद सफल तो होते, लेकिन उतने कुशल तरीके से नहीं, जितने हम हुए हैं।’’

‘सी4आई2 एवं नेट-सेंट्रिक वारफेयर इंडिया 2025’ सम्मेलन का आयोजन यहां सुब्रतो पार्क में रक्षा क्षेत्र के थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर एयरोस्पेस पावर एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज और इंडियन मिलिट्री रिव्यू’ द्वारा किया जा रहा है।

विभिन्न अन्य वक्ताओं ने युद्ध की बदलती प्रकृति के बीच कमान, नियंत्रण, संचार, कंप्यूटर, खुफिया और अंतर-संचालन (सी4आई2) और नेट-केंद्रित युद्ध के महत्व पर भी विस्तार से चर्चा की।

‘चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ’ एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ‘‘भारत के रक्षा इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण’’ था।’’

उन्होंने स्वदेशी मंचों और एआई-आधारित उपकरणों के महत्व को भी रेखांकित किया जिन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत की निर्णायक सैन्य कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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