कोलकाता, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि यह देश के लिए शर्म की बात है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लापता होने के इतने वर्षों बाद भी लोग यह नहीं जानते कि उनके साथ क्या हुआ था और न ही उन्हें उनकी मौत की तारीख पता है।
उन्होंने नेताजी के लापता होने की जांच कराने का वादा न निभाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा।
केंद्र द्वारा राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए सोमवार को केंद्र सरकार के कार्यालयों में आधे दिन के अवकाश की घोषणा करने के स्पष्ट संदर्भ में ममता ने कहा कि आज कल राजनीतिक विज्ञापनों के लिए छुट्टियों की घोषणा की जाती है लेकिन उन लोगों के लिए कोई घोषणा नहीं की गयी जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ते हुए अपनी जान न्यौछावर कर दी थी।
ममता ने यहां बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद कहा, ‘‘यह भारत का दुर्भाग्य है कि इतने वर्षों बाद भी हमारे पास नेताजी की मौत की तारीख नहीं है। हम नहीं जानते कि उनके साथ क्या हुआ था। यह शर्मनाक है।’’
देश मंगलवार को नेताजी की 127वीं जयंती मना रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा ने सत्ता में आने से पहले नेताजी के लापता होने की जांच कराने का वादा किया था लेकिन बाद में वह भूल गयी। मैंने 20 वर्षों तक कोशिश की कि नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए लेकिन मैं नाकाम रही, कृपया मुझे माफ कर दीजिए।’’