रोग निवारण में सहायक मैथी

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अनेक गुण हैं मैथी में। हरी मैथी हो या सूखी मैथी अथवा दाना मैथी। औषधीय गुणों का भण्डार है मैथी। कई प्रकार के रोग ठीक किये जा सकते हैं मैथी से। एक सस्ता उपाय है प्राकृतिक चिकित्सा का। कुछ उपचार जानिए।
– यदि किसी भी व्यक्ति के शरीर में जलन हो तथा इस कारण परेशानी हो तो हरी मैथी के पत्तों को पीस लें। दो चम्मच पिसी मैथी, एक छोटा गिलास पानी में घोल कर पी लें। आराम पा लेंगे।
– जो व्यक्ति बवासीर का कष्ट झेल रहे हैं, उन्हें मैथी का काढ़ा आराम देगा। पच्चीस ग्राम मैथीदाना लें। इसे डेढ़ गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानें। ठंडा करके पी लें। यह प्रतिदिन लेवें। तीस दिन तक निरन्तर लेते रहें। चिकित्सक का परामर्श भी लें।
– यदि कहीं चोट लग जाए, सूजन आ जाए तो मैथी के पत्तों को कूटकर पुल्टिस के रूप में प्रभावी अंग पर बांधे। दो-तीन दिन, प्रतिदिन।
– खांसी, दमा या सांस की कोई तकलीफ हो तो एक गिलास पानी में बीस ग्राम मैथीदाना अच्छी तरह उबालें। छानें और पी लें। कुछ दिनों तक इसे लेते रहें। आराम आता रहेगा।
– जिन्हें शुगर रोग हो तो मैथीदाना उन्हें भी आराम देता है। रात को भिगोकर रखें दो चम्मच, इसकी दो खुराकें बनाकर अगले दिन चबा-चबा कर खाएं। पानी भी पी लें। फैंके नहीं।
– जिन्हें आमातिसार का रोग हो, उनके लिए भी ताजी मैथी के पत्ते लाभकर रहते हैं। मैथी के पत्तों को घी में तलें, खाएं और आराम पाएं।
– जो लोग वात पीड़ा से दु:खी हों, वे मैथी का साग खाया करें। साथ ही, जिस दिन साग न खाएं उस दिन मैथीदाना रात को भिगोकर अगली प्रात: खाली पेट खाएं। वात पीड़ा नहीं रहेगी। 

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