लखनऊ अयोध्या स्थित राम मंदिर में ‘श्री रामलला’ के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सोमवार को त्यौहार जैसा माहौल देखा गया। राज्य के सभी प्रमुख मंदिरों में सजावट के साथ ही विशेष भजन-कीर्तन हुए एवं लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते नजर आए।
अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद काशी में दीपावली का माहौल दिखा। अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वाराणसी में लोगों ने पटाखे छोड़े। पूरे शहर में रामभक्तों ने शोभा यात्रा निकाली। शाम को मंदिरों और घरों को लोगों ने दियों से रोशन कर दिया।
अयोध्या में भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ सोमवार को की गई। इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अनेक धार्मिक आयोजन किए गए। मंदिरों में भजन-कीर्तन और रामायण तथा सुंदरकांड का पाठ किया गया।
लखनऊ समेत कई शहरों में रामधुन के साथ प्रभात फेरियां निकाली गईं। राज्य की राजधानी लखनऊ में सुबह से ही लोगों में उत्साह का माहौल था । दोपहर बाद प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद युवक-युवतियां शहर की विभिन्न सड़कों पर जय श्री राम के नारे के साथ जुलूस निकालते नज़र आये।
लखनऊ का सबसे व्यस्त इलाका हजरतगंज केसरिया झंडों से पटा पड़ा था । लाउडस्पीकर पर भजन गूंज रहे थे, जगह-जगह लोगों को मिठाइयां बांटी जा रही थी। शाम होते होते पूरा शहर बिजली की झालरों से जगमगाने लगा । लोगों ने अपने घरों को दियों के साथ बिजली के बल्बों से बहुत ही खूबसूरती से सजाया था ।
वाराणसी से प्राप्त खबर के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन सोमवार को काशी के लगभग सभी छोटे-बड़े मंदिरों में पूजा-पाठ सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया।
काशी विश्वनाथ मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी पीयूष तिवारी ने बताया कि मंदिर के कर्मचारियों द्वारा 25 हजार दियों को जलाकर पूरे काशी विश्वनाथ धाम को जगमगा दिया गया है, जिससे दिवाली जैसा अनुभव हो रहा है।
तिवारी ने बताया कि विश्वनाथ मंदिर में सुबह से ही उत्सव का माहौल रहा। उनके अनुसार एक तरफ जहां श्री काशी विश्वनाथ धाम में वेद परायण का आयोजन किया गया था, जिसमें 21 ब्राह्मण और 51 बटुक द्वारा वेद पाठ किया गया, उसी दौरान राम दरबार की झांकी सजाकर संगीतमय सुंदरकांड का पाठ भी परिसर में चल रहा था।
इस पूरे आयोजन के पश्चात परिसर में लगने वाले हर-हर महादेव और जय श्री राम के नारों से पूरा परिसर अयोध्या नगरी जैसी बन गया था। यही नहीं, अयोध्या में चल रहे कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी एलईडी टीवी पर दिखाया गया, जिसे देख दर्शनार्थियों द्वारा हर-हर महादेव के नारे लगाए जा रहे थे। इस प्रसारण के बाद शंख-ध्वनि और डमरू की गड़गड़ाहट से पूरा धाम गूंज उठा। परिसर में चल रहे विविध आयोजनों को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त भी पहुंचे थे। इस पूरे आयोजन के पश्चात परिसर में प्रसाद स्वरूप तीन लाख लड्डुओं का वितरण किया गया। संध्या काल में राष्ट्रीय संगीत अकादमी की ओर से नृत्य संगीत का आयोजन हुआ, जिसमें कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। अकादमी की तरफ से कथक गीत-संगीत आदि की विभिन्न प्रस्तुतियां दी गई|
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती आज भगवान श्री राम को समर्पित रही। घाट पर फूलों से राम मंदिर का भव्य दरबार सजाया गया था। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि आज नौ अर्चकों द्वारा महा आरती का आयोजन किया गया था। श्री राम दरबार की आरती उतार कर काशी की जनता की ओर से शुभकामनाएं दीं गयी। शंखनाद, घण्टा घड़ियाल और डमरू की ध्वनि से पूरा घाट राममय बन गया। आरती के बाद राम कीर्तन भी किया गया। आरती के बाद घाट पर लगभग 11 हजार दीपों को जला कर शिव की नगरी को जगमग किया गया है।
सैकड़ों लोगों के साथ श्री राम शोभा यात्रा में शामिल रामभक्त चंद्रकांत सिंह ने कहा,‘‘ प्रभु श्री राम की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के खुशी में हम लोगों ने शोभा यात्रा निकाली है। यह शोभा यात्रा नाटी इमली से विश्वनाथ मंदिर होते हुए दशाश्वमेध घाट पर जा कर समाप्त हुई है। हमारे भगवान श्री राम सैकड़ों वर्षों बाद अपने जन्मस्थली पर पधारे हैं। हम सभी राम भक्त अपने घरों को दीपों से सजा कर दीपावली मना रहे हैं।’’ मथुरा से मिली खबर केे अनुसार अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर ब्रज में भी अद्भुत उत्साह एवं उल्लास का माहौल है और कृष्ण की नगरी ‘राममय’ हो गयी है।
योगिराज श्रीकृष्ण की नगरी में हर सड़क, चौराहे पर बस भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की धूम मची है। मथुरा-वृन्दावन नगर निगम ने ऐसे में प्रमुख चौराहों पर विभिन्न कलाकृतियों और बिजली की झालरों से सजाया है।
मथुरा में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर साज सजावट के साथ-साथ जगह-जगह भण्डारे के आयोजन किए गए हैं। सरकारी स्तर पर भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गये हैं। महानगर के प्रमुख गोवर्धन चौराहे (अटल चौक) पर झांसी के ‘सैंड आर्टिस्ट’ समीर द्वारा रेत से बनाई गई प्रभु श्रीराम के मंदिर की कृति देखते ही बन रही है। रेत से बनी इस आकृति को देखने के लिए भारी भीड़ वहां उमड़ रही है। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान एवं वृन्दावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर सहित कई मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण ने सोमवार को प्रभु श्रीराम के रूप में दर्शन दिए। भगवान कृष्ण ने बांसुरी के साथ-साथ धनुष बाण भी धारण कर रखे थे। यह अद्भुत दृश्य देख श्रद्धालु खुद को अभिभूत अनुभव कर रहे थे।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर स्थित भागवत भवन के राधा-कृष्ण मंदिर को अयोध्या का स्वरूप देने का प्रयास किया गया, तो भगवान राधा और कृष्ण की छवि को भगवान राम और सीता के रूप में सजाया गया है। भव्य फूल बंगले में सजी उनकी छवि की आभा देखते ही बन रही थी। मंदिर के प्रांगण में सुबह से ही निरंतर प्रसाद वितरण जारी रहा।
ठाकुर द्वारिकाधीश मंदिर को भव्य रोशनी से जगमग किया गया है। यहां ठाकुरजी ने अपने मूल स्वरूप में ही दिव्य दर्शन दिए। मंदिर में सुबह 10 से 11 बजे तक प्रसाद वितरण किया गया। शाम को भव्य दीपदान किया गया ।
इसी प्रकार, वृन्दावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भी श्रद्धालुओं को आज अपने आराध्य भगवान रामलला का रूप धारण किए हुए नजर आए। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर सहित मंदिरों में भी भव्य सजावट की गयी।
नगर निगम के वृन्दावन कार्यालय के कर निरीक्षक श्रीगोपाल वशिष्ठ ने बताया कि ओडिशा के कलाकारों द्वारा देवरहा घाट और कान्हा गोशाला के बाहर राम मंदिर और भगवान राम की प्रतिमूर्ति बनाई गया। वहीं, जुगल घाट पर 500 किलोग्राम फूलों से रंगोली बनाई गई एवं विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
गोरखपुर से मिली खबर के अनुसार सोमवार को गोरखनाथ मंदिर पूरी तरह से श्री राम लला प्राण प्रतिष्ठा उत्सव की दिव्य आभा में डूब गया। रामायण के मधुर मंत्रों के बीच दिव्य नेताओं, गुरु गोरखनाथ और ब्रह्मलीन गोरक्ष पीठाधीश्वर, महंत दिग्विजयनाथ जी और महंत अवैद्यनाथ जी के श्रद्धेय समाधि स्थल पर विशेष प्रार्थना और अनुष्ठान आयोजित किए गए।
दोपहर में जैसे ही अयोध्या में प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ, गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की मूर्ति के सामने हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए आतिशबाजी के साथ एक जीवंत उत्सव मनाया गया। मंदिर में प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया।
अक्षय फाउंडेशन की ओर से गोरखनाथ परिसर में ‘भावांजलि’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां रंगोलियां सजाई गईं और राम मंदिर आंदोलन में गोरक्ष पीठ के योगदान के लिए आभार व्यक्त करने के लिए दीपों की कतारें जलाई गईं। मुख्य पुजारी योगी कमलनाथ ने मुख्य अतिथि देवीपाटन शक्तिपीठ के महंत मिथिलेश नाथ के साथ गुरु गोरखनाथ, महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवैद्यनाथ के चित्रों के सामने दीये जलाकर सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुभ शुरुआत की।