नयी दिल्ली, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को आदिवासी छात्रों से कहा कि वे असफलता से निराश न हों क्योंकि यह उनकी क्षमताओं का संकेतक नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत बदल गया है और यही कारण है कि एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं, एक ‘किसान पुत्र’ उपराष्ट्रपति हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग के एक व्यक्ति प्रधानमंत्री हैं।
अपने आधिकारिक आवास पर जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम में भाग लेने वाले जनजातीय छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करते हुए धनखड़ ने कहा कि आदिवासी इस देश के स्वामी हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वालों को शहरों में कभी भी डरना नहीं चाहिए और शहरी क्षेत्रों को उनकी ताकत आदिवासियों और ग्रामीणों से मिलती है।
धनखड़ ने कहा कि किसी को असफलता से निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि यह उस व्यक्ति की क्षमताओं का संकेतक नहीं है।
अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महसूस किया कि आदिवासी इलाकों की पहचान उनके खनिज संसाधनों से नहीं बल्कि वहां के लोगों से होनी चाहिए।