बसपा अकेले ही पूरी तैयारी व दमखम के साथ लोकसभा चुनाव लड़ेगी : मायावती
Focus News 15 January 2024लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने 68वें जन्मदिन पर सोमवार को यहां कहा कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी लेकिन चुनाव के बाद सरकार बनाने वाली पार्टी को उचित भागीदारी के साथ समर्थन देगी।
मायावती ने उनके राजनीति से संन्यास लेने की खबरों को आधारहीन बताते हुए कहा ‘‘मैं अंतिम सांस तक पार्टी को मजबूत करती रहूंगी।’’
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी चुनाव के पहले किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी लेकिन चुनाव के बाद स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र व राज्यों की सरकारों में अपनी उचित भागीदारी के आधार पर शामिल भी हो सकती है।
उन्होंने कहा ‘‘चुनाव के बाद उचित भागीदारी मिलने पर समर्थन दिया जा सकता है लेकिन यह समर्थन मुफ्त में नहीं दिया जाएगा।’’
बहुजन समाज पार्टी के राज्य मुख्यालय में सोमवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मायावती ने कहा ‘चुनाव को लेकर यह बात फिर से स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि हमारी पार्टी देश में होने वाले लोकसभा चुनाव गरीबों, उपेक्षित वर्गों में से विशेषकर दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़े वर्ग, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों के बलबूते पर ही पूरी तैयारी व दमखम के साथ अकेले ही लड़ेगी।’
उन्होंने कहा ‘इन्हीं के बलबूते ही हमने 2007 में आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अकेले ही चुनाव लड़कर बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। इसलिए पूर्व के अनुभव को ध्यान में रखकर हमारी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी।’
दिसंबर 2023 में भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाये जाने की घोषणा के बाद मायावती के राजनीति से सन्यास लेने की खबरें आईं। इन खबरों को निराधार बताते हुए उन्होंने कहा ‘‘मैं अंतिम सांस तक बसपा को मजबूत करती रहूंगी।’’
मायावती ने कहा कि बसपा जातिवादी, पूंजीवादी, सांप्रदायिक व संकीर्ण सोच रखने वाली विरोधी पार्टियों से दूरी बनाकर रखेगी और किसी भी गठबंधन या पार्टी के साथ मिलकर यह चुनाव नहीं लड़ेगी।
उन्होंने कहा ‘‘यदि यह चुनाव 2007 के उप्र विधानसभा चुनाव की तरह निष्पक्ष एवं ईमानदारी के साथ होता है, जब ईवीएम में कोई गड़बड़ी या धांधली नहीं की गयी थी, तो हमारी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़कर बेहतर परिणाम लाएगी।’’
बसपा प्रमुख ने कहा ‘‘हमारी पार्टी यह चुनाव अकेले इसलिए लड़ती है क्योंकि पार्टी का नेतृत्व एक दलित के हाथ में है जिसके प्रति अधिकतर पार्टियों की जातिवादी मानसिकता अभी तक नहीं बदली है। यही मुख्य वजह है कि गठबंधन करके चुनाव लड़ने पर बसपा के वोट तो गठबंधन की पार्टी में चले जाते हैं, लेकिन उनके वोट, खास कर उच्च जाति वर्ग के वोट बसपा को नहीं मिल पाते।’’
मायावती ने कहा, ‘अधिकतर पार्टियां बसपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहती हैं, लेकिन हमें अपनी पार्टी का हित देखना है। अत: बसपा के लिए अकेले चुनाव लड़ना ज्यादा बेहतर होगा ।’
मायावती ने अपनी पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियों को भी गिनाया। साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा ‘बसपा ने चार बार की सरकार में सभी वर्गों के लिए काम किया। वर्तमान समय में कोई काम नहीं दिख रहा और मुफ्त में राशन देकर लोगों को गुलाम बनाया जा रहा है।’
बसपा प्रमुख ने ईवीएम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा ‘ईवीएम में मिल रही गड़बड़ी की खबरों से पार्टी के लोग चिंतित हैं। ऐसे में पूरी ऊर्जा से पार्टी को मजबूत बनाना है। यदि पार्टी के लोग इन हालात का मुकाबला कर पूरी निष्ठा से लगे रहते हैं तो पार्टी मजबूत होगी।’
उन्होंने कहा कि ईवीएम में धांधली की खबरें मिल रही हैं तथा विदेशों की तरह यहां भी यह व्यवस्था खत्म हो सकती है। उन्होंने कहा ‘‘इसमें बदलाव भी हो सकता है तब बसपा का वोट प्रतिशत भी बढ़ जाएगा।’’
मायावती ने कहा कि विपक्ष के गठबंधन ‘‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’’ (इंडिया) को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया ने बसपा के लोगों को गुमराह करने के लिए गिरगिट की तरह रंग बदला है।
उन्होंने कहा, ‘हाल ही में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को लेकर जिस प्रकार सपा मुखिया (अखिलेश यादव) ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत बसपा के लोगों को गुमराह करने के उद्देश्य से, बसपा प्रमुख के प्रति ‘गिरगिट’ की तरह अपना रंग बदला है तो उससे भी पार्टी के लोगों को सावधान रहना है।’
मायावती ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से केन्द्र व राज्यों की सरकारों द्वारा अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए जिस प्रकार से धर्म व संस्कृति की आड़ में राजनीति की जा रही है उससे देश का संविधान एवं लोकतन्त्र कमजोर होगा।
बसपा के नेता एवं कार्यकर्ता हर वर्ष 15 जनवरी को पार्टी प्रमुख मायावती का जन्मदिन ‘जनकल्याणकारी दिवस’ के रूप में मनाते हैं ।