आगरा/अयोध्या (उप्र), तीन नवंबर (भाषा) महिला क्रिकेट विश्व कप टूर्नामेंट में भारत की ऐतिहासिक खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाने वाली आगरा निवासी ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा के घर में जश्न का माहौल है।
सोमवार रात जैसे ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार आईसीसी विश्व कप का खिताब जीतकर इतिहास रचा, वैसे ही दीप्ति के परिवार और पड़ोस के लोग जश्न में डूब गए। इस दौरान उन्होंने पटाखे जलाए और मिठाइयां बाटीं।
दीप्ति ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नवी मुंबई में खेले गए विश्व कप टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में शानदार ऑल राउंड खेल का प्रदर्शन करते हुए 58 रन बनाए और पांच विकेट भी हासिल किये।
दीप्ति के पिता श्रीभगवान शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि जब उनकी बेटी ने विश्व कप ट्रॉफी उठाई तो यह बेहद गर्व का क्षण था।
उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा एहसास था जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। हमने पूरा मैच देखा और अब हम दीप्ति के घर लौटने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। उसके घर पहुंचने पर हम उसकी उपलब्धि का बड़े पैमाने पर जश्न मनाएंगे। उसका प्रदर्शन हमारी उम्मीदों से बढ़कर था।”
दीप्ति की मां सुशीला शर्मा ने कहा, “दीप्ति ने हमारे परिवार और पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उसकी सफलता का श्रेय उसके भाई सुमित को जाता है, जिसने उसे बचपन से ही क्रिकेट सिखाया। सुमित फाइनल मैच देखने और अपनी बहन का उत्साह बढ़ाने के लिए मुंबई गया था। पूरे देश और हमारे परिवार को दीप्ति की सफलता पर गर्व है।”
देश के अन्य विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ धार्मिक नगरी अयोध्या में भी भारत की विश्व कप जीत के बाद सोमवार सुबह संतों ने “जय श्री राम” के नारों के बीच मिठाइयां बांटीं।
फाइनल से एक दिन पहले अयोध्या के मंदिरों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जीत के लिए विशेष प्रार्थना और हवन आयोजित किए गए।
हनुमान गढ़ी मंदिर के साधु महेश्वर दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हमने जीत के लिए हनुमानजी से प्रार्थना की और उन्होंने हमारी प्रार्थना स्वीकार कर ली। हमने भक्तों के बीच मिठाइयां बांटीं और अपनी महिला क्रिकेट टीम की शानदार जीत की सराहना की।”
हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार रात नवी मुंबई में आयोजित फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार आईसीसी विश्व कप टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया।