पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल क़िले से जो कहा, लोकसभा चुनाव से पहले उन दावों में कितना दम?

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77वें स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दसवीं बार लाल क़िले से भाषण दिया.

उन्होंने देशवासियों को ‘परिवारजन’ कहकर संबोधित किया और परिवारवाद पर चोट की, अपनी सरकार की उपलब्धियाँ गिनाईं, भारत के सामने खड़ी चुनौतियों पर बात की और देश के लोगों को कई बड़े सपने दिखाए.

ये अगले लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का लाल किले से अंतिम भाषण था.

प्रधानमंत्री ने ये भी स्पष्ट रूप से कहा कि वो अगली बार भी यहीं खड़े होकर भाषण देंगे, यानी वो लोकसभा चुनाव जीतकर फिर वापस आएँगे.

वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव कहते हैं, “उन्होंने अगले चुनाव को ध्यान में रखकर घोषणाएँ की और जैसा कि उनका स्वभाव है, बड़े सपने दिखाने का. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा ही एक विशाल, आकर्षक और लुभावना विज़न सामने रखते हैं और उन्होंने ऐसा ही किया भी, और बहुत प्रभावी और ऊर्जावान ढंग से किया. इसमें कोई शक नहीं है कि उनकी भाषण शैली बहुत प्रभावी है.”

लोकसभा चुनावों से पहले पीएम मोदी को इतना भरोसा होने पर राहुल देव कहते हैं, “कोई भी योद्धा हो, वो रण में विश्वास के साथ ही उतरता है, लेकिन एक प्रधानमंत्री के रूप में उनके औचित्य पर विचार करने की गुंज़ाइश है. वो किसी चुनावी रण में नहीं थे, एक प्रधानमंत्री के रूप में बोल रहे थे, वो चाहते तो इस शैली से बच सकते थे.”

वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी भी मानती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के भाषण से ये स्पष्ट हो गया है कि अगला चुनाव मोदी बनाम अन्य होगा.

नीरजा कहती हैं, “मोदी एक अच्छे वक्ता तो हैं ही. 10 साल बाद भी एक प्रधानमंत्री के रूप में उनका लोकप्रिय होना और इस भरोसे के साथ ये कह पाना कि वो अगले साल फिर पीएम होंगे और झंडा लहराएँगे, ये बड़ी बात है. उनके भाषण से आज ये स्पष्ट हो गया है कि अगला चुनाव नरेंद्र मोदी बनाम अन्य होगा.”

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