उन्होंने देशवासियों को ‘परिवारजन’ कहकर संबोधित किया और परिवारवाद पर चोट की, अपनी सरकार की उपलब्धियाँ गिनाईं, भारत के सामने खड़ी चुनौतियों पर बात की और देश के लोगों को कई बड़े सपने दिखाए.
वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव कहते हैं, “उन्होंने अगले चुनाव को ध्यान में रखकर घोषणाएँ की और जैसा कि उनका स्वभाव है, बड़े सपने दिखाने का. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा ही एक विशाल, आकर्षक और लुभावना विज़न सामने रखते हैं और उन्होंने ऐसा ही किया भी, और बहुत प्रभावी और ऊर्जावान ढंग से किया. इसमें कोई शक नहीं है कि उनकी भाषण शैली बहुत प्रभावी है.”
लोकसभा चुनावों से पहले पीएम मोदी को इतना भरोसा होने पर राहुल देव कहते हैं, “कोई भी योद्धा हो, वो रण में विश्वास के साथ ही उतरता है, लेकिन एक प्रधानमंत्री के रूप में उनके औचित्य पर विचार करने की गुंज़ाइश है. वो किसी चुनावी रण में नहीं थे, एक प्रधानमंत्री के रूप में बोल रहे थे, वो चाहते तो इस शैली से बच सकते थे.”
नीरजा कहती हैं, “मोदी एक अच्छे वक्ता तो हैं ही. 10 साल बाद भी एक प्रधानमंत्री के रूप में उनका लोकप्रिय होना और इस भरोसे के साथ ये कह पाना कि वो अगले साल फिर पीएम होंगे और झंडा लहराएँगे, ये बड़ी बात है. उनके भाषण से आज ये स्पष्ट हो गया है कि अगला चुनाव नरेंद्र मोदी बनाम अन्य होगा.”