ग्योंगजू (दक्षिण कोरिया), 31 अक्टूबर (एपी) एशियाई और प्रशांत क्षेत्र के 21 देशों के नेताओं ने आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने और साझा चुनौतियों से निपटने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को अपना वार्षिक शिखर सम्मेलन शुरू किया।
इससे एक दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने व्यापार के मामले में बढ़ते तनाव को कम करने के लिए कदम उठाने पर सहमति जताई थी।
इस वर्ष दक्षिण कोरियाई शहर ग्योंगजू में आयोजित दो दिवसीय एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन पर ट्रंप-शी बैठक का काफी प्रभाव पड़ा है।
ट्रंप ने बृहस्पतिवार को चिनफिंग के साथ हुई आमने-सामने की मुलाकात को बेहद सफल बताते हुए कहा था कि वह चीन पर लगाए गए शुल्क (टैरिफ) में कटौती करेंगे जबकि बीजिंग ने दुर्लभ धातुओं के निर्यात की अनुमति देने और अमेरिका से सोयाबीन खरीदने पर सहमति जतायी है।
ट्रंप एवं चिनफिंग के बीच बनी सहमति वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए राहत की बात है। विशेषज्ञों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार संबंधी तनाव को कम करने में विफलता से वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं और बढ़ेंगी।
वर्ष 1989 में बढ़ते वैश्वीकरण के दौर में स्थापित एपेक वैश्विक व्यापार के आधे से अधिक हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।
यह मंच क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण में तेजी लाने के लिए मुक्त एवं खुले व्यापार और निवेश का समर्थन करता है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए नयी चुनौतियों पर काबू पाने के लिए अधिक सहयोग और एकजुटता का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि हम हमेशा एक ही पक्ष में नहीं खड़े हो सकते क्योंकि हमारे राष्ट्रीय हित दांव पर हैं लेकिन हम साझा समृद्धि के अंतिम लक्ष्य के लिए एकजुट हो सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हम इस बात पर स्पष्ट और रचनात्मक चर्चा करेंगे कि तेजी से बदलते अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिवेश की नयी चुनौतियों के बीच हम एपेक के लक्ष्य को कैसे प्राप्त कर सकते हैं।’’