नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने एक परिवीक्षाधीन न्यायिक अधिकारी से जुड़े कथित ‘हिट एंड रन’ मामले को पंजाब की एक अदालत से यहां रोहिणी की निचली अदालत में स्थानांतरित करने की बृहस्पतिवार को अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मृतक के परिवार द्वारा मुकदमे में पक्षपात का आरोप लगाए जाने के बाद मामले को स्थानांतरित कर दिया। मृतक के परिजन का कहना है कि आरोपी एक न्यायिक अधिकारी है जिससे मुकदमे में पक्षपात हो रहा है।
सुनवाई के दौरान न्यायिक अधिकारी की ओर से पेश वकील ने कहा कि यदि मुकदमे को पंजाब से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित किया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन उन्होंने सुझाव दिया कि उनके लिए यह उचित होगा कि मुकदमे को उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थानांतरित किया जाए क्योंकि मृतक की रिश्तेदार दिल्ली में वकील हैं।
हालांकि, पीठ ने मामले की सुनवाई अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी की अदालत में स्थानांतरित कर दी। साथ ही, उसने एक अन्य मामले को भी स्थानांतरित कर दिया जिसमें मृतक की पत्नी ने मामले को पंजाब पुलिस से सीबीआई को हस्तांतरित करने का अनुरोध किया था।
पीठ ने कहा कि यदि मामले में आगे जांच की जरूरत होगी तो दिल्ली पुलिस जांच करेगी।
शीर्ष अदालत ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण मामले को भी हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से दिल्ली की एक अदालत में स्थानांतरित कर दिया।
मृतक की पत्नी ने दावा किया है कि उसके पति की मृत्यु इस साल फरवरी में न्यायिक अधिकारी की कार से ‘हिट-एंड-रन’ दुर्घटना के कारण हुई थी। अधिकारी पंजाब के होशियारपुर जिले में प्रोबेशनर अधिकारी के रूप में तैनात थे।
अदालत को बताया गया कि मामला पंजाब के फगवाड़ा की अदालत में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आरोप तय करने के चरण में है।