नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (भाषा) वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के 5,606 करोड़ रुपये के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाये पर केंद्र सरकार को पुनर्विचार और सामंजस्य के अदालती निर्देश के बाद विश्लेषकों ने कहा है कि यह फैसला दूरसंचार कंपनी के दीर्घकालिक अस्तित्व के लिए अहम राहत साबित हो सकता है।
ब्रोकरेज फर्म सिटी ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि उच्चतम न्यायालय का यह निर्णय दूरसंचार क्षेत्र, खासकर वोडाफोन आइडिया पर “महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव” डाल सकता है। इस फैसले के बाद कंपनी को राहत आंशिक बकाया माफी या भुगतान समयसीमा में विस्तार, या दोनों के रूप में मिल सकती है।
सिटी ने कहा कि इस कदम से कंपनी के स्थायित्व को लेकर बनी अनिश्चितता भी दूर होगी और बैंक वित्तपोषण योजना को गति मिल सकती है। कंपनी 25,000 करोड़ रुपये की बैंक वित्तपोषण जुटाने की प्रक्रिया में है, जो अब तक एजीआर विवाद के कारण अटका हुआ था।
विश्लेषकों के मुताबिक, संभावित राहत से वोडाफोन आइडिया को लेकर निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और कंपनी को भविष्य में अतिरिक्त इक्विटी जुटाने में मदद मिल सकती है। इससे सरकार की मौजूदा 49 प्रतिशत हिस्सेदारी में भी कमी आ सकती है।
एमके ग्लोबल फर्म ने कहा कि इस निर्णय से सरकार को वोडाफोन आइडिया की दीर्घकालिक भुगतान-क्षमता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त अवसर मिला है। हालांकि, फर्म ने ऊंचे ऋण स्तर और अनिश्चित सरकारी रुख के कारण वोडाफोन आइडिया के शेयर पर अपनी ‘सेल’ रेटिंग बरकरार रखी है।
वोडाफोन आइडिया ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद बीएसई को दी सूचना में कहा था कि वह दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर इस मुद्दे का समाधान करने को तत्पर है।