क्यों बढ़ती जा रही है बाल झड़ने की समस्या

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इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बाल गिरने की समस्या लम्बे समय से चली आ रही है और अक्सर लोग इसे लेकर चिंतित हैं। यह समस्या सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्वभर के लोग इस समस्या से परेशान हैं। समय-समय पर इस बारे में शोध भी होते रहे हैं। विशेषज्ञ यह जानने की कोशिश में लगे रहते हैं कि इसका कारण क्या है व इससे कैसे बचा जा सकता है।
आहार विशेषज्ञ सुश्री शिखा शर्मा के अनुसार आपकी दिनचर्या, खुराक, स्वभाव इत्यादि बातें भी इसका कारण हो सकती हैं। पानी व भोजन में पाए जाने वाले विषैले तत्वों की वजह से यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसकी वजह कोई शारीरिक या मानसिक बीमारी भी हो सकती है। दिनभर की थकान व तनाव, किसी किस्म का भय, चिंता, गुस्सा व कोई परेशानी होने पर भी बाल गिरने की समस्या पैदा होने का अंदेशा रहता है।
अगर आप पोषक आहार बहुत कम मात्रा में लेते हैं तो भी बाल झड़ने में इज़ाफा हो सकता है या हारमोन्स की गड़बड़ी इसका कारण हो सकती है। बालों को अच्छा लुक देने के लिए अलग-अलग तरह के हेयर कलर्स का प्रयोग, हेयर ट्रीटमेंट इत्यादि से भी बाल गिरने में बढ़ोत्तरी होती है।
पोषक तत्वों की कमी बाल गिरने का सबसे बड़ा कारण है। जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन, खनिज व प्रोटीन प्राप्त नहीं होते तो यह बालों की मुख्य बनावट पर सीधा असर डालते हैं।
विटामिन ए बालों को मजबूत बनाने हेतु और दो-मुंहे बालों के लिए, विटामिन ई बालों को मुलायम बनाने हेतु, जिंक बालों को घना करने हेतु व प्रोटीन बालों की जड़ें मजबूत करने हेतु सिलिकॉन बालों की दीर्घायु के लिए जरूरी है।
शरीर में पोषक तत्वों की कमी के दो कारण हैं-पहला संतुलित आहार का सेवन न करना, दूसरा- सेहतमंद भोजन न खाना। पौष्टिक भोजन न खाने की वजह से हमारे शरीर के पाचन तंत्रा पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे बालों के गिरने की समस्या में लगातार बढ़ोत्तरी होती जाती है। बहुत-से लोगों की धारणा होती है कि प्रोटीन सिर्फ मांसाहार में ही मिलते हैं जो बालों में चमक लाने में सहायक होते हैं पर यह धारणा एकदम गलत है। अंकुरित अनाज में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है, जो बालों के लिए बेहतर है।
अध्ययन से पता चलता है कि हमारे वातावरण में रासायनिक प्रदूषण का बढ़ता स्तर पौधों, पशुओं व व्यक्तियों पर बहुत बुरा असर डालता है जिसके परिणामस्वरूप लोगों में बाल गिरने की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
आज की मशीनी जिंदगी से प्रत्येक इंसान तनाव से घिरा रहता है जिससे अनेक बीमारियां उत्पन्न होती हैं। तनाव से संबंधित दो अवस्थाएं बाल गिरने के लिए जिम्मेदार हैं और वे हैं-डर व चिंता तथा क्रोध व निराशा।
जब हम भय का अनुभव करते हैं या हमारे अंदर चिड़चिड़ापन होता है तो बालों की जड़ों तक रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती जिसका अभिप्राय यह है कि ऑक्सीजन या आवश्यक पोषक तत्व बालों की जड़ों तक नहीं पहुंच पाते। इसी प्रकार यदि हम क्रोध में या फिर निराशा से घिरे हुए हैं तो बालों की जड़ें बहुत शुष्क हो जाती हैं और पोषक तत्वों का असंतुलन हो जाता है और बाल गिरने लगते हैं।
इस समस्या से निजात पाना चाहती हैं तो इन सभी बातों पर गौर कीजिए। साथ ही हेयर कलर या बालों संबंधी कोई ट्रीटमेंट लेने से पूर्व हेयर स्पेशिलस्ट से सलाह अवश्य लें। बालों को बहुत ज्यादा कसकर न बांधें। ऐसे हेयर स्टाइल बनाने से बचें जिनमें हेयर पिनों का ज्यादा प्रयोग हो। हेयर कलर चुनने से पूर्व यह भी देख लें कि कहीं वे अधिक कैमिकलयुक्त तो नहीं।  

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