तिरुवनंतपुरम, 28 अक्टूबर (भाषा) केरल में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री जी आर अनिल ने मंगलवार को कहा कि केंद्र की पीएम श्री स्कूल योजना पर हस्ताक्षर को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के भीतर पैदा हुए गतिरोध से उसके शासन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अनिल ने कहा कि एलडीएफ में प्रमुख गठबंधन सहयोगी भाकपा और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) दोनों ही वामपंथी नीति को कायम रखते हैं।
जब पत्रकारों ने कैबिनेट में चर्चा किए बिना राज्य के सामान्य शिक्षा विभाग द्वारा पीएम श्री योजना पर हाल में हस्ताक्षर करने को लेकर दोनों वामपंथी दलों के बीच पैदा हुए मनमुटाव के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि वामपंथी नीति सफल होगी।
अनिल ने कहा, ‘‘मौजूदा मुद्दों का शासन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। चीजें उस स्तर तक नहीं पहुंची हैं। इसका प्रशासन पर किसी भी कीमत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’’
पत्रकारों ने जब सवाल पूछना जारी रखा तो मंत्री ने कहा कि भाकपा ने प्रशासन के संबंध में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है।
मंत्री ने कहा, ‘‘मैं अभी यह नहीं कह सकता कि भाकपा के मंत्री कैबिनेट बैठक में शामिल होंगे या नहीं। पार्टी सचिव ही इस बारे में बताएंगे। हम पार्टी के फैसलों का हर स्थिति में पालन करते हैं।’’
नागरिक आपूर्ति मंत्री ने मीडिया में आई उन खबरों के बीच यह टिप्पणी की है जिनमें कहा गया था कि केरल के पीएम श्री योजना में शामिल होने पर कड़ी आपत्ति जताने वाली भाकपा के मंत्री साप्ताहिक कैबिनेट बैठक में विरोध स्वरूप संभवत: शामिल नहीं होंगे।
अलप्पुझा में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और भाकपा की राज्य इकाई के सचिव बिनॉय विश्वम के बीच सोमवार को हुई बातचीत पीएम श्री स्कूल योजना को लेकर विवाद को सुलझाने में विफल रही।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता विश्वम ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हमने जो मुद्दा उठाया था, उसका समाधान नहीं हुआ है। हमने मुख्यमंत्री के साथ बातचीत की और यह बहुत सौहार्द्रपूर्ण रही लेकिन मुद्दों का कोई समाधान नहीं निकला इसलिए हमारी चिंता बनी हुई है। अगले कदम के बारे में बाद में बताया जाएगा।’’
विश्वम से जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या भाकपा के मंत्री अगली मंत्रिमंडल बैठक में शामिल नहीं होंगे, उन्होंने कहा कि इस निर्णय की घोषणा पार्टी नेतृत्व द्वारा उचित समय पर की जाएगी।
वामपंथी दलों ने केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) एवं पीएम श्री योजना का विरोध किया है और आरोप लगाया है कि ये शिक्षा प्रणाली को प्रभावित करने के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के व्यापक एजेंडे का हिस्सा हैं।
भाकपा का दावा है कि राज्य सरकार ने मंत्रिमंडल में बिना किसी चर्चा के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर दिए तथा पार्टी को इसके बारे में केवल मीडिया से जानकारी मिली।