धलाई हमले में शामिल लोगों को कड़ी सजा मिलेगी: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री

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अगरतला, 24 अक्टूबर (भाषा) त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शुक्रवार को कहा कि 23 अक्टूबर को बंद के दौरान धलाई जिले में अधिकारियों और अन्य पर हमले में शामिल लोगों को कड़ी सजा मिलेगी।

मुख्यमंत्री का यह बयान बृहस्पतिवार शाम धलाई जिले के संतिरबाजार में बंद समर्थकों द्वारा किए गए हमले के एक दिन बाद आया है। नवगठित संगठन त्रिपुरा सिविल सोसाइटी (टीसीएस) ने बंद का आह्वान किया था।

इस हमले में सलिमा के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) अभिजीत मजूमदार, इंजीनियर अनिमेष साहा और कमालपुर के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) समुद्र देबबर्मा सहित 12 लोग घायल हो गए।

मुख्यमंत्री ने जीबीपी अस्पताल में तीन घायल अधिकारियों से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा, “बृहस्पतिवार को जिस तरह से बंद समर्थकों ने संतिरबाजार में अधिकारियों और लोगों पर जानलेवा हमला किया, वह आंदोलन के नाम पर एक कलंक है। उन्होंने न केवल हमला किया, बल्कि गांव के बाजार से कई चीजें भी लूट लीं। हमले में शामिल लोगों को कड़ी सजा मिलेगी।”

यह पूछे जाने पर कि हमले में कौन शामिल था, मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर पहले ही बता दिया है कि संतिरबाजार में हुए घातक हमले के पीछे कौन था।”

उन्होंने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर लिखा, “हम अभिजीत मजूमदार (बीडीओ), इंजीनियर अनिमेष साहा और धलाई जिले के संतिरबाजार के निवासियों पर टिपरा मोथा समर्थकों द्वारा किए गए हिंसक हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हिंसा के ऐसे कृत्य अस्वीकार्य हैं। प्रशासन को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।”

टिपरा मोथा त्रिपुरा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का एक कनिष्ठ सहयोगी है। इस बीच, एक वीडियो संदेश में, टिपरा मोथा के विधायक रंजीत देबबर्मा, जिन्होंने आठ सूत्री मांगों पर राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था, ने बंद में शामिल होने के लिए लोगों का धन्यवाद किया।

उन्होंने कहा, “मैं बंद को सफल बनाने के लिए इसमें शामिल हुए लोगों का आभार व्यक्त करता हूं। नागरिक समाज द्वारा आहूत बंद अपनी सफलता के कारण राज्य में एक मिसाल बनेगा।”

देबबर्मा ने कहा कि बृहस्पतिवार को संतिरबाजार में दो समूहों के बीच झड़प हुई, जिसमें तीन आदिवासी घायल भी हुए।

उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने घटना की निंदा की है और घायलों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। मैं आज संतिरबाजार जाना चाहता था, लेकिन डीजीपी ने मुझे जाने से मना कर दिया।”

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