मोदी ने नयी परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया, तमिलनाडु के सांस्कृतिक नेतृत्व की सराहना की

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तिरुचिरापल्ली,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां कई परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और कुछ नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं की कुल लागत 20,140 करोड़ रुपये है।

प्रधानमंत्री ने सांस्कृतिक प्रेरणा के लिए तमिलनाडु की सराहना की और राष्ट्र हित के प्रति समर्पण हेतु देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कषगम (डीएमडीके) के दिवंगत नेता विजयकांत की प्रशंसा की । वहीं मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सामाजिक न्याय के नेतृत्व वाले शासन के द्रविड़ियन मॉडल की वकालत की और कहा कि इसका उद्देश्य अन्य लक्ष्यों के साथ-साथ शिक्षा को सभी तक पहुंचाना भी है।

चेन्नई और दक्षिणी तमिलनाडु में हाल की भारी बारिश, बाढ़ और उसके परिणामस्वरूप हुए जानमाल के नुकसान की पृष्ठभूमि में मोदी ने कहा कि केंद्र हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। हालांकि स्टालिन ने उनसे भारी बारिश-जलप्रलय को ‘गंभीर प्राकृतिक आपदा’ घोषित करने और राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से राज्य को उचित धन जारी करने का आग्रह किया।

मोदी ने राज्य की राजधानी चेन्नई से करीब 300 किलोमीटर दूर स्थित मध्य तमिलनाडु के इस जिले में हवाई एवं बंदरगाहों, रेलवे, राजमार्ग, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, परमाणु ऊर्जा और उच्च शिक्षा से जुड़ी 20 परियोजनाओं की आधारशिला रखी, उद्घाटन किया और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। इससे पहले उन्होंने यहां भारतीदासन विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से तमिलनाडु की प्रगति मजबूत होगी और यात्रा सुगमता बढ़ेगी तथा रोजगार के हजारों अवसर पैदा होंगे।

स्टालिन ने कहा कि लोगों के करीब होने के नाते राज्य सरकारों का कर्तव्य है कि वे छात्रों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं और लोगों को अन्य सभी आवश्यक सहायता प्रदान करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए बाढ़ और बारिश के बाद की स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय सहायता के अनुरोध को दोहराना और राज्य के अधिकारों को स्थापित करना केवल ‘लोगों की मांग है, न कि राजनीतिक बयानबाजी’।

तिरुचिरापल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास देश के विकास में तमिलनाडु से मिली सांस्कृतिक प्रेरणा का लगातार विस्तार करना है।’’

दिल्ली में नए संसद भवन में ‘पवित्र सेंगोल’ स्थापित किए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह तमिल संस्कृति द्वारा पूरे देश को दिए गए सुशासन के मॉडल से उपजी एक प्रेरणा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्ष के लिए ‘आजादी का अमृत काल’ भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिसके आर्थिक और सांस्कृतिक दोनों आयाम हैं।

उन्होंने कहा कि भारत को तमिलनाडु की जीवंत संस्कृति और विरासत पर गर्व है।

अतीत में राज्य के सार्वजनिक कार्यक्रमों में ज्यादातर मौकों पर अंग्रेजी में बोलने वाले मोदी ने मंगलवार को हिंदी में भी बात की।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने राज्य में पिछले महीने हुई बारिश और बाढ़ तथा उससे हुए नुकसान का जिक्र किया और कहा कि वह प्रभावित परिवारों की स्थिति को समझ सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में तमिलनाडु के लोगों के साथ खड़ी है। हम राज्य सरकार को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।’’

मोदी ने डीएमडीके के नेता विजयकांत की प्रशंसा की और उन्हें सिनेमा के साथ ही राजनीति का ‘कैप्टन’ भी बताया। हाल ही में उनका निधन हो गया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति में विजयकांत ने हमेशा राष्ट्रीय हित को हर चीज से ऊपर रखा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति भी अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’

उन्होंने तमिलनाडु के प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को भी याद किया जिनका हाल ही में निधन हो गया। मोदी ने कहा कि उन्होंने देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व निवेश कर रहा है और यह एक नई आशा के रूप में उभर रही शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ‘मेक इन इंडिया’ के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण ब्रांड एंबेसडर बन रहा है।

प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार के दृष्टिकोण को दोहराया जहां राज्य का विकास राष्ट्र के विकास में परिलक्षित होता है।

उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में 40 से अधिक केंद्रीय मंत्रियों ने 400 से अधिक बार तमिलनाडु का दौरा किया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत तमिलनाडु की प्रगति के साथ प्रगति करेगा।’’

उन्होंने संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि इससे विकास विकास का मार्ग प्रशस्त होता है, कारोबार को बढ़ावा मिलता है और लोगों के जीवन का सुगम बनता है।

उन्होंने कहा कि यहां नया टर्मिनल भवन क्षमता को तीन गुना बढ़ाएगा और पूर्वी एशिया, मध्य पूर्व के साथ संपर्क को मजबूत करेगा और निवेश, व्यवसाय, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यटन के लिए नए अवसर पैदा करेगा।

उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि यह हवाई अड्डा अपने मजबूत बुनियादी ढांचे के साथ दुनिया को तमिल संस्कृति और विरासत से परिचित कराएगा।

भारतीदासन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत के उदय के पीछे एक कारक ‘हमारे विश्वविद्यालयों का उदय’ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में आर्थिक विकास में रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। साथ ही, विश्वविद्यालय भी रिकॉर्ड संख्या में वैश्विक रैंकिंग में प्रवेश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत और सभ्यता हमेशा ज्ञान के इर्द-गिर्द केंद्रित रहे हैं। उन्होंने कहा कि नालंदा और विक्रमशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों के बारे में तो लोग जानते ही हैं, कांचीपुरम के विश्वविद्यालय और मदुरै शिक्षा के केंद्र के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।

नयी रेल परियोजनाओं के बारे में मोदी ने कहा कि इनसे उद्योग और बिजली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही नयी सड़क परियोजनाएं श्रीरंगम, चिदंबरम, रामेश्वरम और वेल्लोर जैसे आस्था और पर्यटन के महत्वपूर्ण केंद्रों को जोड़ेंगी।

जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, उनमें तिरुचिरापल्ली-मनमदुरई-विरुधुनगर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण शामिल है।

उन्होंने कहा कि 2014 से पहले के दशक में राज्यों को 30 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि पिछले 10 वर्ष में राज्यों को 120 लाख करोड़ रुपये दिए गए। तमिलनाडु को भी 2014 से पहले के 10 वर्षों की तुलना में इस अवधि में 2.5 गुना अधिक धन मिला है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए राज्य में तीन गुना से अधिक और रेलवे क्षेत्र में 2.5 गुना अधिक धन खर्च किया गया।