श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने सोमवार को यहां कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने महत्वाकांक्षी मानव अभियान ‘गगनयान’ के लिए इस वर्ष परीक्षणों की एक श्रृंखला तैयार की है और 2024 “गगनयान की तैयारियों” का वर्ष होगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज पीएसएलवी सी58 अभियान के तहत अपने पहले ‘एक्स-रे पोलरिमीटर’ उपग्रह (एक्सपोसैट) को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया।
वर्ष 2024 के लिए इसरो के एजेंडे पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, “हम इस साल कम से कम 12-14 अभियानों के लिए तैयार होने जा रहे हैं। 2024 गगनयान की तैयारी का वर्ष होने जा रहा है, हालांकि यह 2025 के लिए लक्षित है।”
उन्होंने कहा, “गगनयान अभियान टीवी-डी1 या ‘एबॉर्ट’ अभियान (अक्टूबर 2023 में सफलतापूर्वक होने) के साथ शुरू हुआ। हमारे पास श्रृंखला में चार ऐसे अभियान हैं। हमारा लक्ष्य 2024 में कम से कम दो और अभियानों को अंजाम देने का है। तब तक, हमारे पास तीन ‘एबॉर्ट’ अभियान प्रदर्शन होंगे।”
सोमनाथ ने कहा कि मानवरहित अभियान से एजेंसी को विभिन्न उपकरणों की तैयारियों को समझने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसरो मानवरहित अभियान के लिए पैराशूट प्रणाली को साबित करने के वास्ते हेलीकॉप्टर-आधारित ‘ड्रॉप’ परीक्षण भी करेगा।
उन्होंने कहा, “कई ‘ड्रॉप’ परीक्षण होंगे। इसके अलावा, हमारे पास पर्यावरण नियंत्रण समर्थन प्रणाली परीक्षण, क्रू मॉड्यूल संबंधित परीक्षण और सिमुलेशन परीक्षण सहित सैकड़ों ऐसे मूल्यांकन परीक्षण होंगे।”
इसरो के इस साल निर्धारित अन्य अभियानों पर उन्होंने कहा, “हम इसी साल निसार के लिए जीएसएलवी का प्रक्षेपण करने जा रहे हैं। हम जल्द ही इनसैट-3डीएस के साथ जीएसएलवी की पहली उड़ान भरने जा रहे हैं। (प्रक्षेपण) यान तैयार है।’’
उन्होंने कहा, “जीएसएलवी की दूसरी उड़ान नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह को ले जाएगी। इसका मतलब है कि कम से कम दो जीएसएलवी उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की आवश्यकता है। नाविक श्रृंखला सहित कुछ और अभियान भी कड़ी में शामिल हैं।”