जापान की पुरुष प्रधान पार्टी की पहली महिला नेता चुनी गईं ताकाइची
Focus News 21 October 2025 0
तोक्यो, 21 अक्टूबर (एपी) जापान पुरुष प्रधान राजनीति में मंगलवार को दुर्लभ बदलाव देखने को तब मिला जब घोर रूढ़िवादी मानी जाने वाली साने ताकाइची को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री चुना गया।
ताकाइची (64)लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला भी हैं, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान राजनीति पर लगभग निर्बाध दबदबा रखा है।
वह पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर की प्रशंसक हैं और जापान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के रूढ़िवादी दृष्टिकोण की समर्थक हैं।
चीन के आंखों में खटकने वाले यसुकुनी मंदिर में ताकाइची पूजा अर्चना करने नियमित तौर पर जाती हैं। चीन, उत्तर और दक्षिण कोरिया और अन्य पीड़ित एशियाई देश मानते हैं कि यह मंदिर दूसरे विश्व युद्ध में जापान की आक्रमता का महिमंडन करता है।
लैंगिक समानता के मामले में जापान की स्थिति बहुत ही खराब है। हालांकि, ताकाइची ने अपने पूरे अभियान में शायद ही इस मुद्दे को उठाया होगा। पार्टी का अध्यक्ष पद जीतने के बाद भी उन्होंने इस मुद्दे का जिक्र नहीं किया। ऐसे में माना जा रहा है कि एलडीपी की पहली महिला अध्यक्ष होने के बावजूद जमीन पर शायद ही इस दिशा में प्रगति होगी।
ताकाइची पहली बार 1993 में अपने गृहनगर नारा से सांसद चुनी गई थीं। उन्होंने राजनयिक अनुभव नहीं होने के बादवजूद आर्थिक सुरक्षा, गृह, लैंगिक समानता मंत्री सहित पार्टी और सरकार में कई पदों पर अपनी सेवाएं दीं।
उन्होंने जापान की सेना को मजबूत करने, विकास के लिए अधिक व्यय करने, परमाणु संलयन आधारित ऊर्जा को प्रोत्साहन देने, साइबर सुरक्षा और आव्रजन पर सख्त नीति का आह्वान किया है।
ताकाइची छात्र जीवन में ड्रम वादक और मोटसाइकिल चालक थीं। वह अपने कठिन परिश्रम के लिए जानी जाती हैं। ताकाइची ने पूर्व में भी दो बार एलडीपी का नेतृत्व हासिल करने की कोशिश की थी लेकिन अफलता के बाद उन्होंने अपने सहयोगियों से संपर्क बढ़ाने की पहल की।
उन्होंने अपने पार्टी सहयोगियों से ‘घोड़े की तरह काम करने की अपील की कहा कि मैं ‘काम और जीवन के बीच संतुलन के शब्द को समाप्त कर दूंगी। मैं केवल काम- काम और काम करूंगी।’’ उनकी इस टिप्पणी पर मिली जुली प्रतिक्रिया आई थी।
ताकाइची को पुरुष प्रधान पार्टी में मान्यता के लिए संघर्ष का सामना करना पड़ा। जापान की संसद के निम्न सदन में केवल 15 प्रतिशत महिलाएं हैं। जापान के कुल 47 प्रांतीय गवर्नर में केवल दो महिलाएं ही इस पद पर आसीन हैं।
ताकाइची लैंगिक समानता के मुद्दों पर बात करने से बचती रही हैं। उन्होंने अपनी सरकार में महिलाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि करने का संकल्प लिया है लेकिन शाही उत्तराधिकार केवल पुरुष सदस्य को ही देने की नीति का समर्थन किया है। ताकाइची ने समलैंगिक विवाह और 19 सदी के उस कानून में बदलाव का भी विरोध किया है जिसके तहत विवाहित जोड़े का एक ही उपनाम होना चाहिए।
नव निर्वाचित प्रधानमंत्री कर की सुरक्षा और इतिहास पर सख्त नीति होने की उम्मीद है। खासतौर पर दक्षिणपंथी इनोवेशन पार्टी या इशिन नो काई पार्टी से गठबंधन होने की वजह से।
उन्होंने युद्ध में जापान की आक्रामता और अत्याचार को स्वीकार करने का विरोध किया है जब कोरियाई मजदूरों का इस्तेमाल किया गया था और जापानी सैनिकों ने वहां की महिलाओं को यौन दासी के रूप में इस्तेमाल किया था।
ताकाइची उस अभियान का हिस्सा थीं जिसमें स्कूल के पाठ्यपुस्तकों में से युद्ध के दौरान यौन दासता का संदर्भ हटाने की मांग की गई थी।