नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) जिंदल स्टील इंटरनेशनल का एक प्रतिनिधिमंडल थिसेनक्रुप स्टील की परिसंपत्तियों के विभिन्न वित्तीय और परिचालन पहलुओं का मूल्यांकन करने के लिए जल्द ही जर्मनी का दौरा कर सकता है।
नवीन जिंदल के नेतृत्व वाली समूह इकाई ने थिसेनक्रुप स्टील में रुचि दिखाई है।
जिंदल स्टील इंटरनेशनल ने सितंबर में थिसेनक्रुप एजी को एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव दिया था, और इसके इस्पात प्रभाग के संभावित अधिग्रहण के लिए चर्चा शुरू की।
उद्योग सूत्रों के अनुसार, कंपनी अब थिसेनक्रुप स्टील सुविधाओं का गहन मूल्यांकन करने के लिए जर्मनी में अपने प्रतिनिधि भेजने की तैयारी कर रही है। मूल्यांकन में संयंत्र की मशीनरी की तकनीकी समीक्षा और व्यावसायिक संचालन का व्यापक विश्लेषण शामिल होगा।
सूत्रों ने बताया कि साइट पर काम करने वाले कर्मचारियों के साथ भी चर्चा हो सकती है, क्योंकि माना जाता है कि थिसेनक्रुप स्टील पर लगभग 2.7 अरब यूरो की पेंशन देनदारी है।
बर्लिन से लगभग 550 किलोमीटर दूर डुइसबर्ग में स्थित इस इस्पात संयंत्र की वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 1.1 करोड़ टन है और यह लगभग 50 वर्ष पुराना है।
जिंदल समूह एक विविध औद्योगिक घराना है, जिसने इस्पात, ऊर्जा और खनन सहित कई क्षेत्रों में निवेश किया है। इस इस्पात इकाई के अधिग्रहण से कंपनी की वैश्विक उपस्थिति का विस्तार होगा।
जिंदल स्टील इंटरनेशनल के यूरोपीय परिचालन निदेशक नरेंद्र मिश्रा ने पहले कहा था, ‘‘हम जर्मनी और यूरोप में हरित इस्पात उत्पादन के भविष्य में विश्वास करते हैं। हमारा लक्ष्य थिसेनक्रुप की 200 साल पुरानी औद्योगिक विरासत को संरक्षित और विकसित करना तथा इसे यूरोप की सबसे बड़ी एकीकृत कम उत्सर्जन वाली इस्पात विनिर्माता कंपनी बनाने में मदद करना है।’’
इस संबंध में प्रतिक्रिया लेने के लिए जिंदल समूह को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।