बेथलहम (पश्चिमी तट), आम तौर पर गुलजार रहने वाला ईसा मसीह का जन्मस्थान बेथलहम रविवार को क्रिसमस की पूर्व संध्या पर किसी वीरान शहर सा नजर आया जहां इजराइल-हमास युद्ध के चलते जश्न नहीं मनाया जा रहा।
मैंगर स्क्वायर (चौक) को जगमग करने वाली उत्सव की रोशनी और ‘क्रिसमस ट्री’ नजर नहीं आए साथ ही विदेशी पर्यटकों और उत्साही युवाओं की वो भीड़ भी नदारद दिखी जो हर साल छुट्टी मनाने के लिए पश्चिमी तट के शहर शहर में एकत्र होती थी। दर्जनों फलस्तीनी सुरक्षा बल खाली चौक पर गश्त करते दिखे।
छह साल से यरूशलम में रह रहे वियतनाम के एक ‘फ्रांसिस्कन’ भिक्षु ब्रदर जॉन विन्ह ने कहा, “इस साल, बिना क्रिसमस ट्री और रोशनी के, यहां बस अंधेरा है।”
उन्होंने कहा कि वह हर साल क्रिसमस मनाने बेथलहम आते हैं।
क्रिसमस के जश्न का रद्द होना शहर की अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर झटका है। बेथलहम की आय का अनुमानित 70 प्रतिशत हिस्सा पर्यटन से आता है। पर्यटन से होने वाली लगभग पूरी आय क्रिसमस के मौसम के दौरान होती है।
कई प्रमुख एयरलाइनों द्वारा इजराइल के लिए उड़ानें रद्द करने के कारण, बहुत कम विदेशी लोग आ रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि बेथलहम में 70 से अधिक होटलों को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं।
मैंगर स्क्वायर से कुछ ही कदमों की दूरी पर स्थित आफतीम रेस्तरां के मालिकों में से एक अला’आ सलामेह ने कहा, “जब कुछ लोगों (गाजा में) के पास रहने के लिए घर तक नहीं है, तो हम एक पेड़ लगाने और सामान्य रूप से जश्न मनाने को उचित नहीं ठहरा सकते हैं।”
सलामेह ने कहा कि क्रिसमस की पूर्व संध्या आमतौर पर साल का सबसे व्यस्त दिन होता है। सलामेह ने कहा, “आम तौर पर आपको बैठने के लिए एक भी कुर्सी नहीं मिलती, हम सुबह से आधी रात तक खाली नहीं रहते हैं।” सलामेह ने कहा कि इस साल केवल एक टेबल कुछ पत्रकारों द्वारा बुक की गई है, वो भी बारिश से राहत पाने के लिए।