
प्रकृति की छठा निराली है. रंगों से सराबोर है यह प्रकृति. ज़मीन से आसमान तक कई रंग है. हरा, पीला, और लाल. आसमान में इंद्रधनुष तो समा ही बांध देता है. सात रंगों से गुंथा यह इंद्रधनुष, मानव की आशाओं को सपने की उड़ान दे कर पँख लगा जाता है.
‘विबग्योर’- VIBGYOR यानी कि वायलेट, इंडिगो, ब्लू, ग्रीन, येल्लो, ऑरेंज और रेड.
प्रकृति यह रंग जब हमारे फलों और सब्जियों में जगह बना लेते हैँ तो उनका असर सपष्ट हमारी सेहत और स्वास्थ्य पर नजर आने लगता है.
रोज़मारा के जीवन में हम तीन टाइम कुछ न कुछ खाते ही हैँ.
आलू, गोभी, टमाटर, मटर, बैंगन सभी सब्जियाँ हमारी रसोई का एक एहम हिस्सा हैँ.
हरी गोभी यानी कि ‘ ब्रोकली ‘ जामुनी रंग के बैंगन हों या फिर सफ़ेद, पीले बैंगन सभी मानव के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैँ.
ब्रोकली दिल की बीमारियों से बचाने में काफी कारगर है। ब्रोकली में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. इसके अलावा, ब्रोकली में पोटेशियम भी होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने और दिल की धड़कन को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है.
ब्रोकली दिल की बीमारी से कैसे बचाती है:
एंटीऑक्सीडेंट:
ब्रोकली में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, जैसे कि सल्फोराफेन, धमनियों में प्लाक के निर्माण को कम करके रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है.
फाइबर:
ब्रोकली में फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है, जो दिल की बीमारी के जोखिम को कम करता है.
पोटेशियम:
ब्रोकली में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने और दिल की धड़कन को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है.
सल्फोराफेन:
ब्रोकोली में सल्फोराफेन, जो धमनियों में एक सुरक्षात्मक प्रोटीन को सक्रिय करता है, जिससे सूजन कम होती है और एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में वसायुक्त पट्टिकाओं का निर्माण) का खतरा कम होता है.
विटामिन के:
ब्रोकली में विटामिन के भी होता है, जो रक्त के थक्के और परिसंचरण को नियंत्रित करता है.
ब्रोकली का सेवन कैसे करें:
ब्रोकली को आप सूप, सलाद या स्टेक में शामिल कर सकते हैं। ब्रोकली को उबालने के बजाय भाप में पकाने या थोड़ा सा तेल में भूनने से इसके पोषक तत्व अधिक संरक्षित रहते हैं.
निष्कर्ष:
ब्रोकली एक स्वस्थ और किफायती सब्जी है जो दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। अपने आहार में ब्रोकोली को शामिल करके, आप अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं.
ब्रोकली जिसे आम भाषा में हरी गोभी कहते हैं. यह सबसे अधिक सर्दियों के मौसम में पाया जाता है. हालांकि बहुत कम लोग इसे खाना पसंद करते हैं. आइए जानते हैं ब्रोकली खाने से क्या-क्या फायदे हैं, इसमें कौन से विटामिन पाए जाते हैं.
ब्रोकली जो चमत्कारी गुणों से भरपूर हैं. सर्दियों के मौसम में यह सबसे अधिक पाया जाता है. हालांकि बहुत कम लोग इसे खाना पसंद करते हैँ.
ब्रोकली को एक सुपरफूड भी माना जाता है क्योंकि इसमें कई पोषक तत्व होते हैं जो सेहत के लिए लाभकारी होते हैं. ब्रोकली में विटामिन C, विटामिन K, फोलेट, और फाइबर जैसे पोषणतत्व पाए जाते हैं. इसमें कई एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं.
पोषण से भरपूर- ब्रोकली में विटामिन C, विटामिन K, फोलेट, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर जैसे पोषणतत्व प्रचुर मात्रा में होते हैँ, जो क़ी आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं.
किडनी समस्या से हैं परेशान तो चेंज करें लाइफ स्टाइल, खाने में शामिल करें.
अगर आप हरी गोभी यानी ब्रोकली खाना चाहते हैं तो सबसे आसान तरीका इसे उबाल लें और इसके पानी को बिल्कुल भी न फेंके. वैसे ब्रोकली उबालकर खाने से सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है.
स्टिर-फ्राई: ब्रोकली को तेल में स्टिर-फ्राई करके उसमें स्वादिष्ट मसाले डालें और फिर इसका सेवन करें.
सलाद के रुप में- ब्रोकली को छोटे टुकड़ों में काटकर सलाद के रुप में सेवन कर सकते हैं.
बैंगन
बैंगन का गहरा बैंगनी रंग उसमें मौजूद एंथोसायनिन (anthocyanin) नामक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के कारण होता है, जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है और हृदय रोग और कैंसर के खतरे को कम कर सकता है. ये रंगीन यौगिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं.
बैंगन के रंग और उनके स्वास्थ्य लाभ:
एंथोसायनिन (बैंगनी रंग):
यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है, जो शरीर की कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाता है.
यह सूजन को कम करने में मदद कर सकता है.
यह हृदय रोग और कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है.
नासुनिन एक प्रकार का एंथोसायनिन है जो विशेष रूप से बैंगन के छिलके में पाया जाता है और यह मस्तिष्क की झिल्लियों में लिपिड की रक्षा करता है.
यह आयरन के संचय को रोकता है और नई रक्त वाहिकाओं के विकास को रोककर कैंसर से लड़ने में मदद कर सकता है.
बैंगन में कई फेनोलिक यौगिक होते हैं जिनमें क्लोरोजेनिक एसिड सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला यौगिक है, जो बैंगन के गूदे के भूरापन का कारण बनता है। ये यौगिक बैंगन के स्वास्थ्य लाभों में योगदान करते हैं, जैसे कि शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करना.
क्लोरोजेनिक एसिड: यह बैंगन में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला फेनोलिक यौगिक है.
अन्य फेनोलिक यौगिक: बैंगन में पॉलीफेनोल्स भी होते हैं जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं.
स्वास्थ्य लाभ: इन यौगिकों से शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है.
भूरापन: पॉलीफेनोल्स के ऑक्सीकरण से बैंगन का गूदा भूरा हो जाता है.
बैंगन जैसे स्वस्थ आहार विकल्पों को शामिल करने से आपको यह हासिल करने में मदद मिल सकती है.
बैंगन के फ़ायदों में विटामिन बी, विटामिन के, विटामिन सी, ज़िंक और मैग्नीशियम जैसे ढेरों विटामिन और खनिज शामिल हैं जो त्वचा के स्वास्थ्य और लचीलेपन को बढ़ावा देते हैं.
अगर आपको गुर्दे की कोई बीमारी है तो आपको इसके सेवन को लेकर सावधान रहना चाहिए.इसमें ऑक्सलेट नामक यौगिक होता है जो गुर्दे की पथरी बनाने में उत्प्रेरक का काम करता है। गुर्दे की पथरी वाले या गुर्दे की पथरी होने के उच्च जोखिम वाले लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए.
बैंगन फाइबर का अच्छा स्रोत हैं, इनमें वसा कम होती है और कुछ ज़रूरी विटामिन और खनिज भी होते हैं.
इनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) भी कम होता है, जो आपके खाने में कुछ ऐसा शामिल करने के लिए एकदम सही है जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को न बढ़ाए.
आयुर्वेद में बैंगन के बारे में बताई गई मुख्य चिंताओं में से एक है वात और पित्त दोषों को बढ़ाने की इनकी क्षमता.
आयुर्वेद के अनुसार, ये दोष विभिन्न शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं और आहार तथा जीवनशैली संबंधी कारकों के कारण असंतुलित हो सकते हैं.
बहुत अधिक बैंगन खाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं क्योंकि इसमें सोलनिन नामक यौगिक होता है, जो अधिक मात्रा में होने पर पाचन को प्रभावित कर सकता है और सूजन पैदा कर सकता है.
सफेद बैंगन वजन घटाने, ब्लड शुगर कंट्रोल करने, पाचन सुधारने, हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और किडनी को स्वस्थ रखने जैसे कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है. यह फाइबर, मैग्नीशियम, पोटैशियम और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करते हैं.
सफेद बैंगन के स्वास्थ्य लाभ
वजन घटाने में सहायक:
इसमें मौजूद फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और भूख को कम करता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है.
ब्लड शुगर कंट्रोल करता है:
फाइबर और मैग्नीशियम की मौजूदगी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है.
पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है: फाइबर की अधिक मात्रा पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है और कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है.
हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद: यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है.
किडनी को स्वस्थ रखता है: सफेद बैंगन की पत्तियां डिटॉक्सिफिकेशन का काम करती हैं, जो किडनी को स्वस्थ रखने में सहायक होती हैं.
शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है: सफेद बैंगन शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है, जिससे लिवर और किडनी की कार्यक्षमता बढ़ती है.
आप सफेद बैंगन को सब्जी के रूप में पकाकर खा सकते हैं.
इसे बेक करके या भूनकर भी सेवन किया जा सकता है.
बच्चों की डाइट में भी इसे शामिल करना फायदेमंद होता है.
किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या होने पर विशेषज्ञ की सलाह लेने के बाद ही सफेद बैंगन का सेवन करें.
पीले बैंगन के कई फायदे हैं जिनमें मस्तिष्क स्वास्थ्य, पाचन में सुधार और हृदय रोग के जोखिम को कम करना शामिल है। इसमें मौजूद नासुनिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष्क कोशिकाओं की रक्षा करते हैं, जबकि इसका फाइबर पाचन को बढ़ावा देता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। पीले बैंगन कम कैलोरी और उच्च फाइबर वाला होता है, जो वजन घटाने और रक्त शर्करा नियंत्रण में मदद कर सकता है.
मस्तिष्क स्वास्थ्य:
पीले बैंगन में ‘नासुनिन’ नामक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है और याददाश्त को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.
पाचन में सुधार:
फाइबर से भरपूर होने के कारण, यह कब्ज से राहत देता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है.
हृदय स्वास्थ्य:
यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने में मदद करता है और हृदय के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है.
वजन घटाने में सहायक:
यह कम कैलोरी और उच्च फाइबर वाला भोजन है, जो पेट को भरा रखने और वजन घटाने में मदद कर सकता है.
ब्लड शुगर नियंत्रण:
बैंगन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है, जो मधुमेह वाले लोगों के लिए फायदेमंद है.
हड्डियों को मजबूती:
इसमें मौजूद पोटेशियम हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है.
गर्भावस्था में सहायक:
इसमें फोलिक एसिड होता है जो गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है और बच्चे में न्यूरल ट्यूब संबंधी विकारों के जोखिम को कम करता है.
फल और सब्ज़ियां ?
दरअसल, जब किसी पौधे में लगने वाले फूल की ओवरी से कोई चीज बनती है तो इसे फल कहा जाता है. वहीं दूसरी बात कि फलों में बीज होते हैं. जिन चीजों में ये गुण नहीं होते, उन्हें सब्जी कहते हैं. अब आपको जानकर हैरानी होगी कि बचपन से हम जितनी भी चीजों को सब्जी समझ कर खा रहे थे वो सब फल हैं. इनमें सिर्फ बैंगन ही नहीं है. बल्कि इसके साथ साथ कई और तरह की सब्ज़ियां भीं हैं जो असल में फल हैं और आज तक हम उन्हें सब्जी समझ कर खा रहे थे.
इनमें सबसे पहला नाम बैंगन का है. बैंगन को हम शुरू से सब्जी समझ कर खाते आ रहे थे, लेकिन वो सब्जी नहीं बल्कि फल है. इसके साथ ही टमाटर भी सब्जी नहीं, फल है. क्योंकि उसके अंदर बीज हैं और वो फूल की ओवरी से जन्म लेता है. इसके साथ ही कद्दू, करेला, भिंडी, शिमला मिर्च, मटर और बींस भी सब्जी नहीं बल्कि फल हैं. तो आज से जब कभी आपके घर में कोई पूछे कौन सी सब्जी खाओगे तो उन्हें सब्जी ही बताएं, फल नहीं. इसके साथ साथ और लोगों को भी इस जानकारी से अवगत कराएं कि ये तमाम चीजें जिन्हें अब तक लोग सब्जी समझ रहे थे, वो आखिर में फल हैं.