भोपाल, कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई ने 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जवाब मांगने पर लोकसभा और राज्यसभा से 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित किये जाने के खिलाफ शुक्रवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान अनियंत्रित व्यवहार और तख्तियां ले जाने के कारण कम से कम 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है, जिनमें 100 लोकसभा से और 46 राज्यसभा से हैं।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश प्रमुख जीतू पटवारी ने किया, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और अन्य ने भाग लिया। पार्टी की ओर से इसी तरह का विरोध प्रदर्शन जिला मुख्यालयों पर भी किया गया।
दो घंटे के प्रदर्शन के बाद पटवारी ने पत्रकारों से कहा, “यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। निर्वाचित सांसदों को संसद से निलंबित कर दिया गया है। जिन निर्वाचन क्षेत्रों का ये सांसद प्रतिनिधित्व करते हैं, वहां के लोगों के सवालों का क्या होगा? यह लोकतंत्र की हत्या है।”
पटवारी ने दावा किया, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘अच्छे दिन’ का वादा किया था, लेकिन इसके विपरीत देश भारी कर्ज में डूबा हुआ है, बेरोजगारी चरम पर है और सत्ता हासिल करने के लिए समाज को विभाजित करने की राजनीति की जा रही है। लोकतंत्र और ईवीएम में लोगों का विश्वास कम हो रहा है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने लोकतंत्र के मंदिर में सवाल पूछने की जन प्रतिनिधियों की शक्ति को कुचल दिया है। पटवारी ने कहा कि उन्हें भी बिना किसी कारण के पिछली राज्य विधानसभा के आखिरी सत्र से निलंबित कर दिया गया था, जो उन लोगों का अपमान था जिन्होंने उन्हें चुना था।
पटवारी ने कहा कि जनता से संबंधित मुद्दों को उठाने के लिए सांसदों का निलंबन “हिटलरशाही” है।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पार्टी उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और पर्वतारोही मेघा परमार शामिल थे।
राज्यसभा और लोकसभा को बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।