सरकार अयोध्या में ‘ब्लैक कैट’ कमांडो बल एनएसजी का केंद्र स्थापित करेगी : अमित शाह

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मानेसर (हरियाणा), 14 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सरकार उत्तर प्रदेश के अयोध्या में ‘ब्लैक कैट’ कमांडो बल एनएसजी का एक और क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करेगी।

मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और गांधीनगर के मौजूदा केंद्रों के बाद यह राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) का छठा क्षेत्रीय केंद्र होगा। एनएसजी की जम्मू में ‘टास्क फोर्स’ नामक एक छोटी इकाई भी है।

देश के विभिन्न भागों में एनएसजी केंद्र इसके कमांडो को किसी भी आपात स्थिति में तुरंत और प्रभावी ढंग से पहुंचने में मदद करते हैं।

आतंकवाद रोधी कमांडो बल के 41वें स्थापना दिवस पर यहां उसके मुख्यालय में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मोदी सरकार आने वाले दिनों में एनएसजी की कार्यप्रणाली में बड़ा बदलाव लाने वाली है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब तक मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और अहमदाबाद (गांधीनगर) में एनएसजी के पांच केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। इसके अलावा अयोध्या में भी एक नया केंद्र स्थापित किया जा रहा है। यहां एनएसजी के जवान चौबीसों घंटे तैनात रहेंगे।’’

सरकार ने 30 जून और एक जुलाई 2009 को मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में एनएसजी के चार क्षेत्रीय केंद्रों का संचालन शुरू किया था। इन केंद्रों की स्थापना का निर्णय 2008 के 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद लिया गया था, ताकि विशिष्ट कमांडो को हमले वाली जगह पर पहुंचने में लगने वाला समय घटाया जा सके।

इससे पहले, एनएसजी कमांडो को दिल्ली से हवाई मार्ग से लाना पड़ता था, जिससे देरी होती थी।

मार्च 2011 में केंद्र सरकार ने गांधीनगर में एक और एनएसजी क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने की मंजूरी दी थी।

एनएसजी की ये इकाइयां लंबे समय तक चलने वाले, उच्च जोखिम वाले आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए एक विशेष ‘बैकअप’ बल के रूप में कार्य करती हैं। ये केंद्र एनएसजी कमांडो की पेशेवर कुशलता को निखारने में मदद करते हैं और राज्यों के प्रथम प्रतिक्रिया बलों, पुलिस बलों की क्षमता निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

एनएसजी का गठन 1984 में हुआ और यह एक विश्वस्तरीय बल है जिसके अभियान में चूक नहीं होती और यह बेहद कम समय में किसी भी प्रकार के हमले का मुकाबला कर सकता है। एनएसजी में भारतीय सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवान शामिल हैं। इसकी जिम्मेदारी आतंकवादी हमलों, अपहरण के प्रयासों का मुकाबला करने और निकट सुरक्षा प्रदान करने की है।

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