मुंबई, 13 अक्टूबर (भाषा) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी टाटा कैपिटल का लक्ष्य अगले तीन साल में अपने ऋण को दोगुना करने का है। साथ ही उसे भरोसा है कि भविष्य में ऋण लागत एक प्रतिशत से कम रह जाएगी।
कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक राजीव सभरवाल ने कंपनी के बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद पत्रकारों से कहा कि आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से जुटाई गई नई पूंजी ढाई साल से अधिक समय के लिए पर्याप्त होगी।
टाटा कैपिटल लिमिटेड का शेयर 326 रुपये के निर्गम मूल्य के मुकाबले सोमवार को एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ सूचीबद्ध हुआ।
बाद में शेयर बीएसई और एनएसई दोनों पर निर्गम मूल्य से 1.50 प्रतिशत अधिक 330.90 रुपये पर कारोबार करने लगा।
सभरवाल ने कहा, ‘‘ यदि हमारे देश की वृद्धि दर हमारी उम्मीद के अनुरूप बनी रहती है तो अगले तीन वर्ष में हमारी ऋण पुस्तिका दोगुनी हो सकती है।’’
कंपनी का ऋण वर्तमान में 2.3 लाख करोड़ रुपये है। प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (एयूएम) में 50,000 करोड़ रुपये जोड़ने में सिर्फ एक वर्ष का समय लगा, जबकि शुरुआत में 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने में 10 साल लगे थे।
सभरवाल ने कहा कि इस वर्ष मई में टाटा मोटर्स फाइनेंस के विलय के बाद ऋण लागत 1.4 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि टाटा कैपिटल के लिए ऋण लागत हमेशा एक प्रतिशत से कम रही है। कंपनी को ‘‘पूरा विश्वास है कि वह इसे बहुत जल्द एक प्रतिशत से नीचे ले आएगी।’’
कंपनी के सूचीबद्ध होने के लिए आयोजित कार्यक्रम में मूल कंपनी टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी शामिल हुए।