बढ़ रहा खतरा, कैंसर अब दुनिया में हृदय संबंधी रोगों के बाद मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण बना
Focus News 13 October 2025 0
पुनीत उपाध्याय
कैंसर अब दुनिया में हृदय संबंधी रोगों के बाद मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन गया है। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पत्रिका द लैसेंट ने कैंसर को लेकर चिंताजनक तस्वीर साझा की है। लैसेंट के अनुसार 1990 से 2023 के बीच दुनिया भर में कैंसर के मामले और मौत तेजी से बढ़ी हैं। 2023 में दुनिया भर में 1.85 करोड़ लोगों को कैंसर हुआ था। वहीं 1.04 करोड़ लोग इस बीमारी का शिकार बन गए थे। इनमें से करीब 58 फीसदी नए मामले और करीब 66 फीसदी मौतें कमजोर और मध्यम आय वाले देशों में हुइी। अध्ययन में 1990 से 2023 के बीच 204 देशों और क्षेत्रों में 47 प्रकार के कैंसर और 44 जोखिम कारकों का विस्तृत आकलन प्रस्तुत किया गया है।साथ ही 2050 तक कैंसर के मामलों के बारे में भी अनुमान लगाया गया है। लेख में वैज्ञानिकों ने यह भी चेताया है कि 2050 तक 3.05 करोड़ लोगों को कैंसर हो सकता है इसके साथ ही 1.86 करोड़ लोगों की मौत भी हो सकती है। आधे से ज्यादा मामले और दो.तिहाई मौतें कमजोर और मध्यम आय वाले देशों में होंगी, यानी अगले 25 वर्षों में 2050 तक कैंसर के नए मामलों में 60.7 फीसदी जबकि मौतों में 74.5 फीसदी की वृद्धि का अंदेशा है।
स्तन कैंसर से हर घंटे हो रही 76 महिलाओं की मौत
अध्ययन के मुताबिक सबसे तेज बढ़ोतरी कमजोर और मध्यम आय वाले देशों में होगी जहां कैंसर से होने वाली मौतों में करीब 91 फीसदी तक की बढ़ोतरी का अंदेशा है जबकि अमीर देशों में यह बढ़ोतरी करीब 43 फीसदी रह सकती है। 2023 में स्तन कैंसर सबसे आम था जबकि फेफड़ों का कैंसर सबसे ज्यादा मौतों का कारण बना। रिपोर्ट के मुताबिक तंबाकू मौत का सबसे बड़ा कारण है। दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों के 21 फीसदी के लिए जिम्मेवार तंबाकू जिम्मेदार है।। रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में पुरुषों में कैंसर से हुई 46 फीसदी और महिलाओं में 36 फीसदी मौतें इन रोके जा सकने वाले कारणों से जुड़ी पाई गई। इस दौरान पुरुषों के लिए प्रमुख जोखिम तंबाकू, शराब, खराब खानपान, कार्यस्थल पर जोखिम और वायु प्रदूषण रहे। वहीं महिलाओं में तंबाकू, असुरक्षित यौन संबंध, मोटापा और हाई ब्लड शुगर प्रमुख कारण रहे।अध्ययन में यह भी सामने आया है कि 2023 में कैंसर से जुड़ी करीब 42 फीसदी (43 लाख) मौतें ऐसे कारणों से हुई जिन्हें रोका जा सकता था।
भारत सरकार सचेत, केंद्रीय बजट 2025-26 में कैंसर देखभाल को प्राथमिकता
भारत में राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (एनसीआरपी) 1982 से शुरू हुआ जिसके तहत कैंसर की घटनाओं, उनके बोझ और प्रवृत्तियों पर नज़र रखी जाती है। यह डेटा एकत्र करने और उनका विश्लेषण कर नीतिगत निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईसीपीआर) एनपीसीडीसीएस के अंतर्गत अनुसंधान और स्क्रीनिंग दिशानिर्देश तैयार करने वाली नोडल एजेंसी है। भारत सरकार ने देश भर में रोकथाम, शीघ्र पहचान, उपचार और रोगी देखभाल को बेहतर बनाने के लिए मज़बूत नीतियां, रणनीतिक हस्तक्षेप और वित्तीय सहायता योजनाएं शुरू की हैं। केंद्रीय बजट 2025.26 में कैंसर देखभाल को प्राथमिकता दी गई है। सरकार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को कुल 99 हजार 858.56 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जिसमें से 95 हजार 957.87 करोड़ रुपये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए और 3 हजार 900.69 करोड़ रुपये स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के लिए निर्धारित हैं।
केंद्रीय बजट 2025-26 कई प्रमुख पहलों के माध्यम से कैंसर देखभाल को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। सरकार अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर स्थापित करने की योजना बना रही है जिसके लिए 2025-26 तक 200 केंद्र निर्धारित हैं। उपचार लागत को कम करने के लिएए कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और पुरानी बीमारियों के इलाज के लिए 36 जीवन रक्षक दवाओं और औषधियों को मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) से पूरी तरह छूट दी गई है। छह जीवन रक्षक दवाओं पर 5 फीसदी की रियायती सीमा शुल्क लागू होगा। इसके अलावा दवा कंपनियों द्वारा संचालित रोगी सहायता कार्यक्रमों के तहत निर्दिष्ट दवाओं और औषधियों को बीसीडी से पूरी तरह छूट दी गई है। भारत में 19 राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) 20 तृतीयक देखभाल कैंसर केंद्र (टीसीसीसी) हरियाणा के झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान और कोलकाता में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान का दूसरा परिसर अत्याधुनिक कैंसर उपचार और अनुसंधान के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
आयुष्मान भारत योजना 30 दिनों के भीतर कैंसर रोगियों का समय पर उपचार सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी को कवर करती है। स्वास्थ्य मंत्री कैंसर रोगी निधि ,राष्ट्रीय आरोग्य निधि के अंतर्गत स्वास्थ्य मंत्री कैंसर रोगी निधि गरीबी रेखा से नीचे के रोगियों को कैंसर के इलाज के लिए 5 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत अधिकतम स्वीकार्य वित्तीय सहायता 15 लाख होगी। यह 27 क्षेत्रीय कैंसर केंद्रों में उपचार को कवर करती है। राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड की स्थापना 2012 में पूरे भारत में उच्च गुणवत्ता वालीए मानकीकृत कैंसर देखभाल सुनिश्चित करने के लिए की गई थी। आठ साल बादए यह 287 सदस्यों के साथ दुनिया के सबसे बड़े कैंसर नेटवर्क के रूप में विकसित हो गया है जिसमें कैंसर केंद्र, अनुसंधान संस्थान, रोगी वकालत समूह, धर्मार्थ संगठन और पेशेवर समाज शामिल हैं।