
नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष का अफगानिस्तान शांतिपूर्ण समाधान चाहता है, लेकिन यदि प्रयास सफल नहीं होते हैं तो उसके पास अन्य विकल्प भी हैं। उन्होंने कहा कि उनका देश किसी भी ‘‘बाहरी आक्रमण’’ का सामना करने के लिए पूरी तरह एकजुट है।
बृहस्पतिवार को काबुल में पाकिस्तानी हवाई हमले के बाद दोनों पक्षों के बीच फिर से संघर्ष शुरू हो गया है।
भारत की छह दिवसीय यात्रा पर आये मुत्तकी ने कहा कि कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है और उनका देश अपनी संप्रभुता का किसी भी तरह का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा।
पाकिस्तानी कार्रवाई के जवाब में अफगान बलों ने शनिवार रात दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा पर कई पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर हमला किया, जिससे व्यापक संघर्ष की आशंका पैदा हो गई।
तालिबान के एक प्रवक्ता ने काबुल में कहा कि अफगान बलों ने कई पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर कब्जा कर लिया है और संघर्ष में 58 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई।
मुत्तकी ने नयी दिल्ली से पाकिस्तान को दिये स्पष्ट संदेश में कहा, ‘‘अफगानिस्तान इस्लामी अमीरात की नीति सभी समस्याओं को बातचीत के माध्यम से हल करने की है। हम कोई तनाव नहीं चाहते हैं और यदि वे ऐसा नहीं चाहते हैं, तो अफगानिस्तान के पास अन्य विकल्प हैं।’’
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को पाकिस्तान के लोगों और नेताओं से कोई समस्या नहीं है, हालांकि उस देश में कुछ तत्व माहौल को ‘‘खराब’’ करने की कोशिश कर रहे हैं।
पाकिस्तान तालिबान शासन पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाता रहा है तथा देश के अंदर हुए कई हमलों के लिए इस समूह को जिम्मेदार ठहराता रहा है।
अफगानिस्तान ने इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पाकिस्तानी लोगों और नेताओं से कोई समस्या नहीं है। पाकिस्तान में कुछ विशिष्ट तत्व हैं जो स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान अपने क्षेत्र और हवाई क्षेत्र की सुरक्षा बनाये रखेगा। उल्लंघन हुए हैं और हमने उनका तुरंत जवाब दिया है। रात में जवाबी कार्रवाई की गई जिसमें हमने अपने उद्देश्य हासिल कर लिए।’’
मुत्तकी ने कहा कि अफगानिस्तान में अपने क्षेत्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि काबुल बातचीत और समझ के माध्यम से सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि कुछ लोग इस प्रकरण को सुलझाना नहीं चाहते हैं, तो अफगानिस्तान में अपने क्षेत्र और हवाई क्षेत्र की रक्षा करने की क्षमता है। अफगानिस्तान के लोग और सेनाएं देश की रक्षा के लिए एकजुट हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान की एक और बड़ी विशेषता यह है कि भले ही हमारे बीच आंतरिक मतभेद हों, लेकिन जब बाहरी हस्तक्षेप का मुद्दा उठता है, तो सभी अफगानी लोग, सरकार और मौलवी एकजुट होकर इसका सामना करते हैं और देश की रक्षा करते हैं।’’
मुत्तकी ने कहा, ‘‘भविष्य में भी हमारे लोग और सरकार एकजुट होकर देश की रक्षा करेंगे।’’
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि कतर और सऊदी अरब समेत कई मित्र देशों ने काबुल से संपर्क किया है और कहा है कि संघर्ष बंद होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी तरफ से हमने लड़ाई रोक दी है और स्थिति नियंत्रण में है। हम अच्छे संबंध चाहते हैं। बातचीत के हमारे दरवाजे खुले हैं। हम अफगानिस्तान में शांति लाए हैं। हम पूरे क्षेत्र में शांति चाहते हैं।’’
मुत्तकी ने अफगानिस्तान के हालिया इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि देश बाहरी ताकतों को हराने के लिए दृढ़ है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति सभी देशों के साथ अच्छे संबंध रखने की है। अफगानिस्तान में 40 साल से ज्यादा समय तक लड़ाई चली। सोवियत संघ आया और हार गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के साथ 50 से अधिक देशों के सैनिक आए और 20 वर्षों तक लड़ाई चली और अब अफगानिस्तान स्वतंत्र है और अपने पैरों पर खड़ा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में चार साल से कोई बुरी घटना नहीं हुई है। पूर्व से पश्चिम और उत्तर से पश्चिम तक, लोग एकजुट हैं और इस्लामिक अमीरात के साथ खड़े हैं।’’