नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) तमिलनाडु के कलपक्कम में भारत के पहले ‘प्रोटोटाइप फास्ट-ब्रीडर’ संयंत्र में ईंधन भरने का काम कई चुनौतियों को पार करने के बाद अगले सप्ताह शुरू होने की उम्मीद है।
‘सोडियम-कूल्ड’ 500 मेगावाट संयंत्र पर काम करने वाले परमाणु वैज्ञानिकों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अगले सप्ताह की शुरुआत में हम ईंधन भरना शुरू कर देंगे। प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद पिछली बार कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण हम ईंधन नहीं भर पाए थे। अब हमने उन समस्याओं को दूर कर लिया है।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल मार्च में इस संयंत्र में ‘‘कोर लोडिंग’’ का अवलोकन किया था।
एक बार चालू हो जाने पर 500 मेगावाट क्षमता वाला ‘फास्ट ब्रीडर’ संयंत्र दुनिया में अपनी तरह का दूसरा संयंत्र होगा। रूस में 800 मेगावाट क्षमता वाला ऐसा ‘फास्ट ब्रीडर’ संयंत्र संचालित होता है। कुछ अन्य देशों ने इस जटिल प्रौद्योगिकी में महारत हासिल करने की कोशिश की लेकिन हार मान ली।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, कुछ आश्चर्यजनक बातें भी हुई क्योंकि हम पहली बार इस पैमाने पर ‘‘सोडियम-कूल्ड’’ संयंत्र का संचालन कर रहे हैं।’’
‘प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर’ (पीएफबीआर) का चालू होना भारत के तीन-चरणीय परमाणु कार्यक्रम के दूसरे चरण का प्रतीक होगा, जिसका उद्देश्य रेडियोधर्मी कचरे को कम करने के लिए खर्च किए गए ईंधन का पुनर्चक्रण करना है।