नयी दिल्ली, लोकसभा से सदन की अवमानना के मामले में निलंबित किए गए 13 सदस्यों में से कुछ ने सोमवार को संसद भवन की सीढ़ियों पर प्रदर्शन किया और संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मांग की।
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, हिबी इडेन, बेनी बेहनन, डीन कुरियाकोस और माकपा सदस्य एस वेंकटेशन ने संसद भवन के मकर द्वार की सीढ़ियों पर बैठकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनके हाथों में तख्तियां भी थीं।
जावेद ने कहा कि वह इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि 13 दिसंबर की घटना सुरक्षा में चूक की गंभीर घटना थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सदन में इस बारे में बयान देकर जनता को बताना चाहिए था कि ऐसा क्यों हुआ।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भाजपा नेताओं ने नए संसद भवन की तारीफ की थी और दावा किया था कि यह पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि चार महीने भी नहीं हुए हैं और लोकसभा में घुसपैठिए आ गए, इससे बड़ी सुरक्षा चूक क्या हो सकती है।
जावेद ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री या गृहमंत्री अमित शाह को सदन में बयान देना चाहिए।’’
सांसदों के निलंबन पर जावेद ने कहा, ‘‘हमने साढ़े चार साल में देखा है कि जब भी किसी ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, आडवाणी से जवाब देने को कहा है तो निलंबन तो छोटी चीज है, सदस्यता तक समाप्त की जा रही है। ऐसा हमने राहुल गांधी के मामले में देखा।’’
संसद भवन में प्रवेश करते समय और वहां से निकलते समय कई विपक्षी सांसदों ने निलंबित सदस्यों के प्रति समर्थन जताया और उनके साथ तस्वीर खिंचाईं।
संसद की सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब गत 13 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया।
सरकार और लोकसभा अध्यक्ष दोनों का कहना है कि संसद परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की है।
गत सप्ताह बृहस्पतिवार को लोकसभा में कांग्रेस के वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद, मणिकम टैगोर, टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस, द्रमुक की कनिमोई, प्रतिबन, माकपा के एस वेंकटेशन और पी आर नटराजन तथा भाकपा के के. सु्ब्बारायन को सदन की अवमानना के मामले में संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था।