नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) टाटा ट्रस्ट्स में शीर्ष स्तर पर जारी खींचतान के बीच दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की जीवनी के लेखक थॉमस मैथ्यू ने कहा है कि इस ट्रस्ट का नेतृत्व हमेशा टाटा परिवार के सदस्य के पास ही रहना चाहिए ताकि संस्थापकों द्वारा तय लक्ष्यों को आगे बढ़ाया जा सके।
मैथ्यू ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि टाटा ट्रस्ट्स में मौजूदा विवाद महज ‘छोटी मतभिन्नता’ है जो हर संक्रमणकाल में होती है और इसका समूह पर कोई वास्तविक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
टाटा ट्रस्ट्स के भीतर निदेशक मंडल में नियुक्तियों और प्रशासनिक मुद्दों को लेकर विवाद चल रहा है।
इस मुद्दे पर टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा, टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन, ट्रस्ट्स के उपाध्यक्ष वेणु श्रीनिवासन और ट्रस्टी डेरियस खम्बाटा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात भी की है।
इस संदर्भ में मैथ्यू ने कहा, ‘‘मेरी राय में टाटा ट्रस्ट्स का प्रमुख हमेशा टाटा परिवार का ही व्यक्ति होना चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं है क्योंकि यह ट्रस्ट उन्हीं के नाम पर है और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए ही बना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के छोटे विवाद समय-समय पर आते रहते हैं लेकिन टाटा समूह इतना बड़ा और मजबूत है कि ये सब ‘साइड शो’ मात्र हैं।’’
हालांकि, मैथ्यू ने यह स्वीकार किया कि इस बार मतभेदों को सार्वजनिक नहीं होना चाहिए था लेकिन उन्हें उम्मीद है कि यह मामला बिना किसी बड़ी समस्या के सुलझ जाएगा।
ट्रस्ट्स के पास टाटा संस में करीब 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसके जरिये वह 180 अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाले समूह पर निर्णायक प्रभाव रखता है।
रतन टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के सवाल पर मैथ्यू ने कहा कि ‘‘मौजूदा चेयरमैन चंद्रशेखरन पूरी तरह टाटा समूह और खासकर रतन टाटा के आदर्शों को लेकर समर्पित हैं।’’