ऑपरेशन सिंदूर से राष्ट्रीय चेतना में आक्रामक हवाई कार्रवाई का ‘उचित स्थान’ बहाल: वायुसेना प्रमुख

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हिंडन (उप्र), आठ अक्टूबर (भाषा) वायुसेना प्रमुख ए.पी. सिंह ने बुधवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन के ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के ‘‘साहसिक और सटीक’’ हमलों ने राष्ट्रीय चेतना में आक्रामक हवाई कार्रवाई के उचित स्थान को बहाल किया।

वायु सेना प्रमुख ने कहा कि उनकी सेना ने दुनिया के समक्ष यह साबित कर दिया कि वायु शक्ति का उपयोग कुछ ही दिनों में सैन्य परिणामों को आकार देने में कैसे प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।

एयर चीफ मार्शल सिंह ने हिंडन एयरबेस पर 93वें वायुसेना दिवस के अवसर पर वायु योद्धाओं को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की सराहना की। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की आधिकारिक स्थापना आठ अक्टूबर 1932 को हुई थी।

वायु सेना प्रमुख ने वायु योद्धाओं से भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों के लिए ‘‘तैयार रहने’’ का आह्वान किया और इस बात पर बल दिया कि भारतीय वायुसेना की योजना ‘‘नवोन्मेषी, व्यावहारिक और अनुकूलनीय’’ होनी चाहिए तथा इसका प्रशिक्षण ‘‘जैसे हम लड़ते हैं वैसे ही प्रशिक्षण लें’’ के सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे प्रदर्शन ने हमें पेशेवर स्तर पर गौरवान्वित किया। हमने दुनिया के समक्ष यह साबित कर दिया कि वायु शक्ति का इस्तेमाल कुछ ही दिनों में सैन्य परिणामों को आकार देने में कैसे प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।’’

वायुसेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर को इस बात का एक शानदार उदाहरण बताया कि ‘‘सावधानीपूर्वक बनाई गई योजना, अनुशासित प्रशिक्षण और दृढ़ निश्चयी कार्यान्वयन’’ के जरिए क्या हासिल किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के साहसिक और सटीक हमलों ने राष्ट्रीय चेतना में आक्रामक हवाई कार्रवाई को उचित स्थान दिलाया।’’

एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा, ‘‘हमारी मजबूत वायु रक्षा संरचना और सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियों के आक्रामक इस्तेमाल ने दुश्मन की क्षमता को सीमित कर दिया और हमारी महत्वपूर्ण संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘स्वदेशी रूप से विकसित और एकीकृत हथियारों ने दुश्मन के इलाके में गहराई तक सटीक और विनाशकारी प्रहार किए। उनका प्रदर्शन स्वदेशी रूप से विकसित क्षमताओं में हमारे विश्वास को पुष्ट करता है।’’

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था जिसमें पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में कई आतंकवादी ढांचों को नष्ट करने के लिए हवाई शक्ति का इस्तेमाल किया गया। इन हमलों के बाद चार दिनों तक भीषण झड़पें हुईं जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति के साथ समाप्त हुईं।

एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना की अभियानगत योजनाओं में नयी प्रणालियों, हथियारों और उपकरणों के एकीकरण की बढ़ती गति एक ‘‘महत्वपूर्ण सफलता’’ रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं देख सकता हूं कि वायु योद्धाओं में जवाबदेही, सुरक्षा और संरक्षा की संस्कृति बढ़ी है और यह हमारी कम हुई दुर्घटनाओं में प्रत्यक्ष रूप से परिलक्षित होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सभी स्तरों पर नेता आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं और असाधारण दूरदर्शिता एवं सहानुभूति का प्रदर्शन कर रहे हैं। वे यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को आवश्यक प्रशिक्षण मिले और वह प्रेरित रहें।’’

वायु सेना प्रमुख ने भारतीय वायुसेना के हर प्रकार की आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार रहने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और ‘‘प्रभावी तरीके से ‘टीम वर्क’ (मिलकर काम करना)’’ करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘अपनी विजय और सफलता का जश्न मनाते हुए हमें भविष्य के लिए भी तैयार रहना चाहिए। हमारी योजनाएं नवोन्मेषी, व्यावहारिक और अनुकूलनीय होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा प्रशिक्षण ‘जैसे हम लड़ते हैं वैसे ही प्रशिक्षण लें’ के सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए इसलिए यह उभरती चुनौतियों के लिए प्रासंगिक, ईमानदार और कठोर होना चाहिए।’’

वायुसेना प्रमुख ने भारतीय वायुसेना से अपनी ‘‘सामूहिक शक्ति’’ का लाभ उठाने और न केवल अपने बल के भीतर बल्कि अन्य रक्षा सेवाओं के साथ भी ‘‘तालमेल को बढ़ावा देने’’ का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह समझना होगा कि जीत प्रभावी ‘टीम वर्क’ से मिलती है। हमें राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी सामूहिक शक्ति का लाभ उठाना होगा, तालमेल बढ़ाना होगा और न केवल भारतीय वायु सेना के भीतर, बल्कि अन्य रक्षा सेवाओं एवं संगठनों के साथ भी अंतरअभियानगत क्षमता को बढ़ावा देना होगा।’’ वायुसेना प्रमुख ने विभिन्न राष्ट्रीय संकटों के दौरान भी अपने बल की भूमिका का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंधु के दौरान भारतीय वायु सेना ने संघर्षग्रस्त क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए तुरंत कार्रवाई की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जिस करुणा, तेजी और विश्वसनीयता के साथ भारतीय वायु सेना ने अक्सर खतरनाक परिस्थितियों में भी आशा का संचार किया, वह ‘स्वयं से पहले सेवा’ के सर्वोच्च आदर्शों का प्रतीक है।’’

भारत ने ईरान और इजराइल के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए जून में ऑपरेशन सिंधु शुरू किया था।

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