एसबीआई जैसे बैंक अधिग्रहण वित्तपोषण को संभालने में सक्षम हैं: सी. एस. सेट्टी

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मुंबई, आठ अक्टूबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सी. एस. शेट्टी ने बुधवार को कहा कि देश के सबसे बड़े ऋणदाता जैसी संस्थाएं आगामी कारोबार को संभालने में सक्षम हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का बैंकों को अधिग्रहण के लिए वित्तपोषण की अनुमति देने के फैसले की पृष्ठभूमि में शेट्टी ने यह टिप्पणी की है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक की ओर से विस्तार के बदलाव के लिए दी गई अवधि को देखते हुए परिसंपत्ति प्रावधान की अपेक्षित ऋण क्षति (ईसीएल) आधारित प्रणाली में बदलाव से बैंकों के बही-खाते पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

शेट्टी ने यहां वार्षिक ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट’ (जीएफएफ) से इतर पत्रकारों से कहा, ‘‘ हम विदेशी संस्थाओं का अधिग्रहण करने वाली भारतीय कंपनियों के लिए ‘आउटबाउंड’ विलय और अधिग्रहण वित्तपोषण कर रहे हैं। मुझे लगता है कि एसबीआई जैसे बैंक अधिग्रहण वित्तपोषण में पारंगत हैं।’’

गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को अधिग्रहण वित्तपोषण की अनुमति देने के निर्णय की कुछ सप्ताह पहले घोषणा की थी। शेट्टी ने स्वयं इसके लिए सार्वजनिक तौर पर अनुरोध किया था।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों का ऋण जोखिम प्रबंधन मजबूत करने के लिए मौजूदा ‘घटित नुकसान’ आधारित प्रावधान व्यवस्था की जगह ‘अपेक्षित ऋण क्षति’ (ईसीएल) आधारित प्रावधान लागू करने का मंगलवार को प्रस्ताव पेश किया।

एसबीआई के चेयरमैन ने कहा कि देश का सबसे बड़ा ऋणदाता मॉडल के मामले में प्रौद्योगिक रूप से तैयार है, लेकिन अब भी कुछ समायोजन की आवश्यकता हो सकती है।

इस बीच, कार्यक्रम में शेट्टी ने कहा कि बैंकों को एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से वितरित ऋण के लिए संग्रह क्षमताओं में सुधार करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि बकाया रुपे यूपीआई क्रेडिट कार्ड का 34 प्रतिशत हिस्सा उसकी अनुषंगी कंपनी एसबीआई कार्ड्स द्वारा जारी किया गया है तथा व्यय का 16 प्रतिशत हिस्सा इसी कार्ड का है।

प्रधानमंत्री जन धन योजना के माध्यम से एसबीआई द्वारा प्राप्त लाभों को सूचीबद्ध करते हुए शेट्टी ने कहा कि इन खातों के माध्यम से ऋण वितरण में उतनी वृद्धि नहीं हुई है । उन्होंने उल्लेख किया कि देश भर में व्यापार नेटवर्क का उपयोग ऋण देने के लिए किया जा सकता है।

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