श्रीनगर, सात अक्टूबर (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को दावा किया कि भारत के प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई की ओर जूता उछालने की कोशिश ‘‘भाजपा के विकसित भारत की एक डरावनी छवि’’ पेश करती है क्योंकि हमलावर ने इस आत्मविश्वास के साथ काम किया कि उसे किसी अंजाम का डर नहीं था।
मुफ्ती ने कहा कि अब अदालत के सामने सवाल सिर्फ कानूनी ही नहीं, बल्कि अस्तित्व का भी है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई की ओर जूता उछालने की कोशिश इसकी एक भयावह तस्वीर पेश करता है कि 2047 तक भाजपा का विकसित भारत कैसा दिखेगा। हमलावर ने इस आत्मविश्वास के साथ काम किया कि उसे उसके निंदनीय कृत्य के लिए कोई वास्तविक परिणाम नहीं भुगतना पड़ेगा।’’
पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा कि यह भारत में “नयी सामान्य बात” बन गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘गोडसे के भारत में यह नयी सामान्य बात है जहां ‘लिंचिंग’ करने वालों को माला पहनायी जाती है, बलात्कारियों को माफ कर दिया जाता है और नफरत को पुरस्कृत किया जाता है। वह उमर खालिद या शरजील इमाम नहीं हैं जिन्हें असहमति व्यक्त करने के लिए बिना जमानत के वर्षों तक जेल में रखा गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब अदालत के सामने सवाल सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि अस्तित्व का भी है। क्या न्यायपालिका संविधान की रक्षा के लिए आगे आएगी या चुप रहेगी जब उसे सचमुच जूतों तले रौंदा जा रहा है?’’
सोमवार को अदालत की कार्यवाही के दौरान 71 वर्षीय एक वकील राकेश किशोर ने प्रधान न्यायाधीश गवई की ओर जूता उछालने की कोशिश की। अदालत कक्ष के अंदर मौजूद सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और हमले को रोका। जब राकेश किशोर को अदालत परिसर से बाहर ले जाया जा रहा था, तो वकील को चिल्लाते हुए सुना गया, “सनातन का अपमान नहीं सहेंगे।”