‘मैंने जो कहा था वह बहुत प्रभावी था, इसलिए उन्होंने संघर्ष रोक दिया’: भारत-पाक संघर्ष पर ट्रंप

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न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, सात अक्टूबर (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को शुल्क के इस्तेमाल को युद्ध रोकने का एक कारगर उपाय बताते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के हालिया संघर्ष के दौरान दोनों देशों के साथ उनका संवाद ‘‘काफी प्रभावी’’ रहा।

उन्होंने व्यापार का इस्तेमाल कर परमाणु हथियारों से लैस दोनों देशों के बीच संघर्ष समाप्त कराने के अपने दावे को दोहराया।

ट्रंप ने सोमवार को ‘ओवल ऑफिस’ (व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यालय) में कहा, ‘‘अमेरिका के लिए शुल्क बहुत महत्वपूर्ण हैं। इससे हम न सिर्फ अरबों डॉलर कमाते हैं, बल्कि शुल्क की वजह से ही हम शांतिदूत भी बन गए हैं।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर उन्होंने ‘‘शुल्क की ताकत’’ का इस्तेमाल नहीं किया होता तो चार युद्ध अब भी जारी रहते।

ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं युद्ध रोकने के लिए शुल्क का इस्तेमाल करता हूं। अगर आप भारत और पाकिस्तान को देखें, तो वे युद्ध के लिए तैयार थे। सात विमान मार गिराए गए थे। वे परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं बताना चाहता कि मैंने दरअसल क्या कहा, लेकिन मैंने जो कहा वह बहुत प्रभावी था। उन्होंने संघर्ष रोक दिया और यह शुल्क की वजह से हुआ था। इसका आधार व्यापार था।’’

भारत ने इस मामले में किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की बात से लगातार इनकार किया है। भारत ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के जवाब में सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की थी। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे।

भारत और पाकिस्तान चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद 10 मई को संघर्ष समाप्त करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे थे।

भारत लगातार कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में स्पष्ट किया था कि किसी भी देश के नेता ने भारत से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रोकने के लिए नहीं कहा।

हालांकि, ट्रंप ने कई बार दोहराया है कि उन्होंने अपने प्रशासन के दूसरे कार्यकाल में अब तक सात युद्ध समाप्त किए हैं, जिनमें भारत और पाकिस्तान का संघर्ष, कंबोडिया और थाईलैंड, कोसोवो और सर्बिया, कांगो और रवांडा, इजराइल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया तथा आर्मेनिया और अजरबैजान के युद्ध शामिल हैं।

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