तिरुवनंतपुरम, सात अक्टूबर (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को रोजगार और शिक्षा के लिए प्रवास को “सुरक्षित और पारदर्शी” बनाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि विदेश जाने के इच्छुक लोगों के साथ धोखाधड़ी और शोषण को रोका जा सके।
विजयन यहां विदेश मंत्रालय के प्रवासी संरक्षक (तिरुवनंतपुरम और कोच्चि) द्वारा राज्य सरकार के गैर-निवासी केरलवासी मामलों के विभाग (एनओआरकेए) के सहयोग से आयोजित एक दिवसीय ‘ग्लोबल मोबिलिटी कॉन्क्लेव’ के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य एक नीति तैयार करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय नागरिकों का प्रवास सुरक्षित, पारदर्शी और सुव्यवस्थित बना रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां पहले मलयाली लोग नौकरी की तलाश में मुख्य रूप से खाड़ी देशों में जाते थे, वहीं आज राज्य के लगभग 25 लाख प्रवासी दुनिया भर में रहते हैं।
उन्होंने कहा, “वे केवल नौकरी चाहने वाले नहीं हैं। उनमें से कई प्रबंधन और शिक्षा विशेषज्ञ भी हैं। साथ ही निवेशक और उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र भी हैं।”
विजयन ने फर्जी भर्ती एजेंसियों और एजेंटों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का भी आह्वान किया और कहा कि “प्रवासियों का शोषण अस्वीकार्य है।”
उन्होंने सम्मेलन के प्रतिभागियों से ‘प्रवासियों’ के सामने आने वाली समस्याओं और चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने का आग्रह किया।