प्रधान न्यायाधीश गवई महाराष्ट्र के गौरव हैं; अदालत कक्ष में उन पर हमले की घटना निंदनीय: अजित पवार

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मुंबई, सात अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ‘‘महाराष्ट्र के गौरव’’ हैं और एक वकील द्वारा उन पर हमला करने का प्रयास निंदनीय है तथा लोकतंत्र में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है।

विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) (राकांपा-एसपी) ने मंगलवार को छत्रपति संभाजीनगर में इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया और इसकी निंदा करते हुए कहा कि प्रधान न्यायाधीश गवई पर हमला संविधान और लोकतंत्र पर हमला करने का प्रयास है।

अजित पवार ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय देश की न्यायिक व्यवस्था का सर्वोच्च मंदिर है और न्यायपालिका या न्यायाधीशों पर हमला करना लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर हमला है।

राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘‘न्यायपालिका या न्यायाधीशों पर हमला लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर हमला है। हमारे लोकतंत्र में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखना हर भारतीय की नैतिक जिम्मेदारी है। इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी है।’’

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह ‘‘महाराष्ट्र के गौरव’’ प्रधान न्यायाधीश गवई पर हमले की कोशिश की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।

विपक्षी दल राकांपा (एसपी) के विधायक रोहित पवार के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने छत्रपति संभाजीनगर में प्रदर्शन किया और हाथों में तख्तियां लेकर डॉ. बी. आर. आंबेडकर तथा संविधान की प्रशंसा में नारे लगाए।

रोहित पवार ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश गवई पर हमला संविधान और लोकतंत्र पर हमला करने का एक प्रयास था।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अत्यंत निंदनीय घटना है। छोटी-छोटी बातों पर तुरंत ट्वीट करने वाले भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) नेताओं ने इस बारे में सात-आठ घंटे बाद ट्वीट किया, जब जनता का आक्रोश सामने आने लगा। इसे क्या समझा जाए?’’

वकील राकेश किशोर (71) ने सोमवार को नयी दिल्ली स्थित उच्चतम न्यायालय के अदालत कक्ष में प्रधान न्यायाधीश गवई की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया जिसके बाद ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया’ ने तत्काल प्रभाव से उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया।

किशोर एक ऊंचे मंच के पास पहुंचे, अपना जूता निकाला और न्यायाधीशों की ओर फेंकने की कोशिश की। अदालत कक्ष के अंदर मौजूद सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और इस हमले को विफल कर दिया।

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