दार्जीलिंग के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे ममता, रीजीजू

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सिलीगुड़ी (बंगाल), सात अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू मंगलवार को दार्जिलिंग के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का आकलन करेंगे।

बहरहाल, बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।

जलपाईगुड़ी के नागराकाटा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो नेताओं पर हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना करने के 24 घंटे के भीतर हो रहे इन दोनों दौरों ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील उत्तर बंगाल में राज्य और केंद्र के बीच टकराव का मंच तैयार कर दिया है।

उत्तर बंगाल में मूसलाधार बारिश के बाद भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण 30 लोगों की मौत हो गई और कई लोग लापता हो गए। इसके एक दिन बाद सोमवार को भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष पर जलपाईगुड़ी के नागराकाटा में भीड़ ने हमला कर दिया। यह हमला उस समय हुआ जब वे राहत स्थलों का दौरा कर रहे थे।

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी मंगलवार को बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा करने वाले हैं।

ममता के सिलीगुड़ी से मिरिक जाने की उम्मीद है, जो सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है, जहां मिरिक-धुपिया मार्ग पर एक पुल बह गया था। वहीं रिजिजू भी दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्टा के साथ उत्तर बंगाल के अपने दो दिवसीय दौरे के तहत वहां जाएंगे।

ममता ने सोमवार को घोषणा की थी कि राज्य सरकार आपदा के दौरान ध्वस्त हुए पुलों का पुनर्निर्माण करेगी, जिसकी शुरुआत मिरिक पुल से होगी।

मंगलवार की सुबह सिलीगुड़ी पहुंचे रीजीजू ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं जलपाईगुड़ी के पहाड़ी इलाकों में बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने आया हूं। प्रधानमंत्री की ओर से मैं प्रभावित परिवारों और अपने प्रियजनों को खोने वालों से मिलूंगा। नुकसान का आकलन करने के बाद मैं प्रधानमंत्री को रिपोर्ट दूंगा।’’

भाजपा नेताओं पर हमले का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमने उत्तर बंगाल में सांसद और विधायक पर हुए हमले के बारे में बात की। लोकसभा अध्यक्ष ने नोटिस भेजकर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। अगर देरी हुई तो विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह सिर्फ सांसद या विधायक की बात नहीं है, हर नागरिक को सुरक्षा दी जानी चाहिए।’’

इस घटना ने तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक टकराव को फिर से भड़का दिया है। दोनों एक-दूसरे पर इस आपदा का राजनीतिकरण करने का आरोप लगा रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोनों भाजपा नेताओं पर हमले की निंदा करते हुए इसे ‘‘तृणमूल कांग्रेस की असंवेदनशीलता और पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की दयनीय स्थिति’’ का प्रतिबिंब बताया था।

इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ममता ने प्रधानमंत्री पर बिना किसी आधिकारिक जांच या प्रशासनिक रिपोर्ट के आरोप लगाकर ‘‘संवैधानिक लोकाचार का उल्लंघन’’ करने का आरोप लगाया।

नेताओं के पहाड़ी इलाकों का दौरा करने के बीच राज्य सरकार राहत अभियान जारी रखे हुए है। दार्जिलिंग और दुआर के कई हिस्सों में सड़कें आंशिक रूप से अवरुद्ध हैं।

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, मिरिक सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक है, जहां कई मकान बह गए हैं और संचार लाइनें बाधित हैं। कुछ ढलानों पर फिर भूस्खलन की आशंका के बीच बचाव और मरम्मत कार्य जारी है।

बाद में भाजपा के बंगाल के सह-चुनाव प्रभारी और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब के भी केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार के साथ घायल नेताओं और प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए सिलीगुड़ी पहुंचने की उम्मीद है।

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