शांति व सौहार्द का मार्ग प्रशस्त करना है तो सबको सनातन धर्म की ही शरण में आना पड़ेगा : योगी
Focus News 6 October 2025 0
वाराणसी, छह अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि शांति व सौहार्द का मार्ग प्रशस्त करना है तो सबको सनातन धर्म की ही शरण में आना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को बचाना है तो संस्कृत को माध्यम बनाना होगा।
मुख्यमंत्री ने यहां श्री अन्नपूर्णा ऋषिकुल ब्रह्मचर्याश्रम में लैपटॉप व सिलाई मशीन का वितरण किया।
उन्होंने कुछ बच्चों को सम्मानित भी किया।
योगी ने इस अवसर पर कहा, “सनातन धर्म ही लोकमंगल, लोककल्याण के साथ सभी की सुरक्षा व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा। शांति और सौहार्द का मार्ग प्रशस्त करना है तो सबको सनातन धर्म की ही शरण में आना पड़ेगा।”
उन्होंने कहा, “सनातन धर्म को बचाना है तो संस्कृत को माध्यम बनाना पड़ेगा। आने वाले समय में संस्कृत ही दुनिया की जोड़ने वाली भाषा रहेगी। संस्कृत के बिना किसी का काम नहीं चलेगा।”
मुख्यमंत्री ने दावा किया, “पहले प्रदेश में संस्कृत पढ़ने वाले बच्चों के लिए छात्रवृत्ति नहीं थी। उनकी सरकार ने छात्रवृत्ति जारी की। आने वाले समय में व्यवस्था की जा रही है कि संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए रहने और खाने के लिये सरकार अनुदान देगी। संस्कृत में विशिष्ट शोध और उच्च अध्ययन करने वाले बच्चों के लिए भी विशिष्ट छात्रवृत्ति जारी की जाएगी। सरकार का उद्देश्य है कि संस्कृत में पढ़ने-पढ़ाने और शोध को बढ़ाने वाले विद्यार्थियों के साथ अच्छे विद्वान भी आगे बढ़ा सकें।”
योगी ने कहा कि संस्कृत में वेद और व्याकरण भारत की विशिष्ट देन है और दुनिया का पहला विश्वविद्यालय तक्षशिला भारत में स्थापित हुआ था।
उन्होंने कहा, “पाणिनी वहीं की देन हैं। पाणिनी के व्याकरण में उस समय के इतिहास, परंपरा व भारत के बारे में विस्तृत अध्ययन प्राप्त होता है।”
आदित्यनाथ ने श्री अन्नपूर्णा ऋषिकुल ब्रह्मचर्याश्रम में लैपटॉप व सिलाई मशीन का वितरण किया।
उन्होंने इस अवसर लाभार्थी बच्चों को शुभकामना देते हुए कहा कि दीपावली के पूर्व मिला यह उपहार मां अन्नपूर्णा की कृपा है।
योगी ने बच्चों को हिदायत दी, “कंप्यूटर सुविधा का माध्यम है तो भटकाव भी है। हमें सकारात्मक रूप से ज्ञान को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, जो जीवन को उज्ज्वल बनाने में योगदान दे सके।”
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के बारे में कहा कि जब मां अन्नपूर्णा, बाबा विश्वनाथ व मां गंगा की कृपा बरसती है तो ऐसे ही शुभ कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त प्राप्त हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इस संस्थान की स्थापना के 108 वर्ष होने के साथ आज (सोमवार को) शरद पूर्णिमा से जुड़ रहे हैं और यह आयोजन प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति (महिला सुरक्षा, सम्मान व नारी स्वावलंबन) को भी जोड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने मठ में गोसेवा कार्यक्रम की भी सराहना की।
उन्होंने कहा, “यह भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म के प्रतीक हैं। एक तरफ गोमाता की पूजा होती है और दूसरी तरफ बाबा विश्वनाथ भी बिना नंदी के नहीं चलते हैं। कृषि प्रधान भारत के लिए नंदी भी उपयोगी हैं। ऋषि परंपरा में गाय को लेकर चल रहे हैं तो नंदी का भी संरक्षण कर रहे हैं। ”
आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी नारी गरिमा को महत्व दिया है।
उन्होंने कहा, “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, 12 करोड़ घरों में शौचालय, देश में चार करोड़ और उत्तर प्रदेश में 60 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छत दी गई।”