दुबई, लाल सागर में यमन के तट के पास संदिग्ध रूप से हूती विद्रोहियों द्वारा दागी गई एक मिसाइल नार्वे के ध्वज वाले एक टैंकर से टकरा गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
तेल और रासायनिक पदार्थ से लदे टैंकर ‘स्ट्रिंडा’ पर हमला ईरान समर्थित विद्रोहियों द्वारा ‘बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य’ के पास पोतों को निशाना बनाने के अभियान का विस्तार है। विद्रोही अब उन पोतों को निशाना बना रहे हैं जिनका इजराइल से कोई स्पष्ट संबंध नहीं है।
यह हमला स्वेज नहर से आने वाले मालवाहक पोतों और ऊर्जा नौवहन को संभावित रूप से खतरे में डालता है तथा गाजा पट्टी में चल रहे इजराइल-हमास युद्ध के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव को बढ़ाता है।
हूती विद्रोहियों ने अभी तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन विद्रोही सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने कहा कि आने वाले घंटों में उनकी ओर से एक महत्वपूर्ण घोषणा की जाएगी।
निजी खुफिया कंपनियों ‘अंब्रे’ और ‘ड्रायड ग्लोबल’ ने पुष्टि की कि हमला पूर्वी अफ्रीका को अरब प्रायद्वीप से अलग करने वाले महत्वपूर्ण ‘बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य’ के पास हुआ।
ड्रायड ग्लोबल कंपनी के मुताबिक, जिस पोत पर हमला हुआ है उसकी पहचान स्ट्रिंडा के रूप में हुई है। यह एक नॉर्वे के स्वामित्व वाला और उसी के द्वारा संचालित पोत है।
नाम न छापने की शर्त पर एक रक्षा अधिकारी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि एक मिसाइल ने पोत पर हमला किया।
स्ट्रिंडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) गीर बेल्स्नेस और संचालक जे. लुडविग मोविनकेल्स रेडेरी ने भी हमले की पुष्टि की।
बेल्स्नेस ने कहा कि चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा, “पोत अब सुरक्षित बंदरगाह की ओर बढ़ रहा है।”
स्ट्रिंडा पोत मलेशिया से स्वेज नहर की ओर जा रहा था।
इससे पहले, ब्रिटिश सेना के ‘यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस’ ने यमन के मोखा में एक अज्ञात पोत में आग लगने की सूचना दी थी, जिसमें सवार चालक दल के सभी सदस्यों के सुरक्षित रहने की जानकारी दी गई थी।