प्रधानमंत्री मोदी ने वीके मल्होत्रा को उत्कृष्ट संगठनकर्ता, संस्था निर्माता बताया

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नयी दिल्ली, छह अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता वी के मल्होत्रा ​​की सराहना करते हुए उन्हें एक उत्कृष्ट संगठनकर्ता और संस्था निर्माता बताया, जिन्होंने चुनावी और संगठनात्मक राजनीति की दुनिया को समान रूप से सहजता से संभाला।

मल्होत्रा का पिछले सप्ताह निधन हो गया।

मोदी ने अपनी वेबसाइट पर एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि मल्होत्रा ने जनसंघ और भाजपा की दिल्ली इकाई को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘1960 के दशक के उत्तरार्ध में वीके मल्होत्रा जी सार्वजनिक जीवन का एक स्थायी चेहरा बन गए थे। बहुत कम नेता ऐसा दावा कर सकते हैं कि उनके पास लोगों के बीच रहकर काम करने का इतना लंबा और ठोस अनुभव है। वह एक अथक कार्यकर्ता, उत्कृष्ट संगठनकर्ता और एक संस्था निर्माता थे।’’

उन्होंने कहा कि मल्होत्रा में चुनावी राजनीति और संगठनात्मक राजनीति, दोनों में समान रूप से सहजता के साथ काम करने की अद्भुत क्षमता थी और उन्होंने जनसंघ तथा भाजपा की दिल्ली इकाई को स्थिर नेतृत्व दिया।

मोदी ने कहा, ‘‘उनके जीवन को देखकर समझा जा सकता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), जनसंघ और भाजपा के मूल संस्कार क्या हैं। विपरीत परिस्थितियों में साहस का प्रदर्शन, स्वयं से ऊपर सेवा भावना, साथ ही राष्ट्रीय और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता, यह उनके व्यक्तित्व की बहुत बड़ी पहचान रही।’’

प्रधानमंत्री ने 1999 के लोकसभा चुनावों को याद किया जब मल्होत्रा ​​ने दक्षिण दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह को हराया था।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बेहद हाई-प्रोफाइल चुनाव था, जहां उनका मुकाबला एक बड़े कांग्रेस नेता से था। कांग्रेस ने दक्षिण दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन मल्होत्रा जी ने कभी बहस का स्तर नीचे नहीं गिराया।’’

मोदी ने कहा कि मल्होत्रा जी ने एक सकारात्मक प्रचार अभियान चलाया, गालियों और हमलों को नजरअंदाज किया और 50 प्रतिशत से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि यह जीत मल्होत्रा जी की जमीन पर मजबूत पकड़ की वजह से मिली थी।

मोदी ने कहा, ‘‘वह कार्यकर्ताओं से आत्मीय संबंध बनाकर रखने और मतदाताओं के मन की थाह लेने में माहिर थे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि मल्होत्रा ​​मूकदर्शक नहीं थे, बल्कि जनता की आवाज बुलंद करने वाले एक सक्रिय भागीदार थे। मोदी ने 1960 के दशक के अंत में गौ रक्षा आंदोलन में उनके योगदान को याद किया, जहां वह भी पुलिस की ज्यादतियों का शिकार हुए थे।

मोदी ने कहा, ‘‘आपातकाल विरोधी आंदोलन में भी उनकी सक्रिय भागीदारी रही। दिल्ली की सड़कों पर जब सिखों का बेरहमी से कत्लेआम हो रहा था, तब वह शांति और सद्भावना की आवाज बनकर सिख समुदाय के साथ पूरी मजबूती से खड़े रहे।’’

उन्होंने कहा कि मल्होत्रा ​​की सबसे बड़ी विशेषता एक संस्था निर्माता के रूप में उनकी भूमिका थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘वह आरएसएस से जुड़ी कई संस्थाओं के संस्थापकों और संरक्षकों में शामिल रहे। उनके प्रयासों से अनेक सांस्कृतिक, शैक्षिक और सामाजिक संस्थाओं का विकास हुआ और उन्हें मार्गदर्शन मिला। इन संस्थाओं के माध्यम से कई प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिला। उनके मार्गदर्शन में बनी संस्थाएं प्रतिभा और सेवा की पाठशालाएं बनीं। उन्होंने एक ऐसे समाज की दृष्टि दी, जो आत्मनिर्भर हो और मूल्यों पर टिका हो।’’

मल्होत्रा का गत 30 सितंबर को निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे।

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