आगामी सप्ताह में सोने के दाम अस्थिर रहने का अनुमान: विश्लेषक

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नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) आने वाले सप्ताह में सोने के दाम अस्थिर रह सकते हैं, क्योंकि निवेशक अमेरिकी सरकार के वित्त पोषण विधेयक, श्रम बाजार के आंकड़ों और फेडरल रिजर्व के बयानों पर नजर रखेंगे। विश्लेषकों ने यह जानकारी दी।

विश्लेषकों ने कहा कि बृहस्पतिवार को फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की बैठक के विवरण जारी होने से भी सर्राफा बाजार की धारणा प्रभावित होने की संभावना है।

जेपीएम फाइनेंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा, ”आने वाला सप्ताह अपेक्षाकृत कम आंकड़ों वाला है, लेकिन अस्थिरता ज्यादा रहने की उम्मीद है। मुनाफावसूली बढ़ सकती है, जिसके बाद नए सिरे से खरीदारी भी हो सकती है। आने वाले सप्ताह में ध्यान अमेरिकी सरकार के वित्त पोषण विधेयक पर रहेगा, जबकि आंकड़ों के मोर्चे पर श्रम बाजार पर नजर होगी।”

उन्होंने कहा, ”फेडरल रिजर्व की आधिकारिक टिप्पणी पर बृहस्पतिवार को फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल के भाषण के साथ कड़ी नजर रहेगी।”

मेर ने कहा कि पिछले सप्ताह सोने की कीमतों में 3.5 से 4 प्रतिशत और वृद्धि हुई है। यह बढ़ोतरी कमजोर अमेरिकी डॉलर और आंशिक अमेरिकी सरकार के बंद होने की चिंताओं के कारण हुई है, जिससे महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों के जारी होने में देरी हुई है।

उन्होंने कहा, ”बाजार सहभागी इस महीने के अंत में फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना पर भी विचार कर रहे हैं।”

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर दिसंबर में आपूर्ति वाले सोने के भाव पिछले सप्ताह में 3,222 रुपये यानी 2.8 प्रतिशत बढ़ गए। शुक्रवार को सोना 1,18,113 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जो इस सप्ताह पहले दर्ज किए गए अपने इतिहास के सबसे ऊंचे स्तर 1,18,444 रुपये के करीब था।

अल्फा मनी में इक्विटी और पीएमएस के प्रबंध साझेदार ज्योति प्रकाश ने कहा कि पिछले सप्ताह सोने की कीमतों में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने बताया कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में बढ़ती हिस्सेदारी, केंद्रीय बैंकों की संभावित नई मांग और सट्टेबाजी की मजबूत स्थिति सोने की कीमतों में इस उछाल को बढ़ावा दे रही है।

विश्लेषकों ने कहा कि त्योहारों और शादी के मौसम के कारण भारत में सितंबर में सोने और चांदी का आयात अगस्त की तुलना में लगभग दोगुना हो गया है।

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