वर्षा ऋतु आई नहीं कि बीमारी की संभावना बढ़ जाती है। इस मौसम में मक्खी, वायरस, बैक्टीरिया आदि का प्रकोप अधिक होता है। सबसे ज्यादा डायरिया होने का खतरा रहता है। डायरिया से बचाव के लिए निम्न बातों को ध्यान में रखें:- पीने योग्य पानी को सदैव ढक कर रखें। उबला हुआ पानी ही प्रयोग में लाएं। खाद्य पदार्थों को भी ढक कर रखें। बैक्टीरिया अधिकतर पानी व खाने की चीजों से ही शरीर में प्रवेश कर बीमारी फैलाते हैं। बासी भोजन का सेवन न करें। ताजा बनाएं और ताजा ही खाएं। कटे हुए फल को दोबारा न खाएं। अगर पपीता या कोई अन्य फल काटा है और वह बच गया है तो उसे बाद में खाने में प्रयोग मत लाएं। शरीर की स्वच्छता का अधिक ध्यान रखें। खाना बनाने से पूर्व और खाना खाने से पहले अच्छी तरह साबुन से हाथ धोएं ताकि कीटाणु खाद्य पदार्थों में प्रवेश कर आपके स्वास्थ्य को हानि न पहुंचाएं। अगर आपके नाखून गंदे हैं तो भी संक्रमण हो सकता है, इसलिए नाखूनों को समय समय पर काटें और उनमें मैल जमा न होने दें। पानी जितना ज्यादा पी सकें, पिएं। कोल्ड ड्रिंक्स की बजाए सादा पानी या नींबू पानी पिएं। शिकंजी लें। यह डिहाइडेªशन और गर्मी से तुरंत मुक्ति दिलाती है। बाजार से या रेड़ी वालों से खाद्य पदार्थ न खरीदें। इनमें बिकने वाले पदार्थ न तो ढके होते हैं और न ही साफ होते हैं। अधिकतर डायरिया व अन्य बीमारियों का कारण यही खाद्य पदार्थ होते हैं। बाजार में जूस भी न पिएं। घर पर ही जूस निकालें और पिएं। दूध से बने खाद्य पदार्थ जैसे दही, लस्सी, क्रीम आदि भी बाजार में न खाएं। फल या सब्जियों को प्रयोग से बहुत पहले काट के न रखें। अगर आपका शिशु छोटा है तो उसकी दूध की बोतल की सफाई पर विशेष ध्यान दें। बोतल को हर बार प्रयोग करने से पूर्व अच्छी तरह गर्म पानी में उबालें और ब्रश से साफ करें। आइसक्रीम कभी भी, लोकल कंपनी की न खाएं क्योंकि इसे बनाने में सफाई नहीं बरती जाती। कुल्फी आदि तो बिलकुल न खाएं क्योंकि इसमें प्रयोग किया गया दूध दूषित हो सकता है।