नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) ब्रिटेन की मशहूर व्हीलचेयर रेसर हन्ना कॉकरॉफ्ट ने खेलों को शौक के तौर पर शुरू किया था लेकिन उन्होंने कभी रिकॉर्ड 19वां विश्व चैंपियनशिप खिताब जीतने के बारे में नहीं सोचा था जिस उपलब्धि पर उन्हें गर्व है।
कॉकरॉफ्ट ने शनिवार को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में महिलाओं की 800 मीटर टी34 स्पर्धा में अपना 19वां विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने रिकॉर्ड एक मिनट 49.88 सेकेंड का समय निकाला।
कॉकरॉफ्ट ने पीटीआई वीडियो से कहा, ‘‘मुझे असल में तब तक पता नहीं था कि यह मेरा 19वां विश्व खिताब है जब तक कि किसी ने मुझे रेस के बाद नहीं बताया। लेकिन मैं पूरी तरह से उत्साहित हूं। शायद इस प्रदर्शन पर मुझे सबसे अधिक गर्व है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे 15 साल की उम्र में व्हीलचेयर रेसिंग में हाथ आजमाने का मौका मिला था। मुझे यह बहुत पसंद आया और मैं इसे शौक के तौर पर करना चाहती थी।’’
कॉकरॉफ्ट ने कहा, ‘‘फिर मुझे 18 साल की उम्र में मेरी पहली विश्व चैंपियनशिप के लिए चुना गया और मैं बस अनुभव के लिए गई और फिर यही मेरा काम बन गया।’’
मौजूदा विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीतने के दौरान दो चैंपियनशिप रिकॉर्ड बनाने वाली कॉकरॉफ्ट 2011 में न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में विश्व चैंपियनशिप में पदार्पण के बाद से कोई बड़ा फाइनल नहीं हारी हैं। उन्होंने चार पैरालंपिक खेलों में भाग लिया है और नौ पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीते।
कॉकरॉफ्ट ने कहा, ‘‘मुझे यह बहुत पसंद है। मुझे आजादी पसंद है, मुझे गति पसंद है, मुझे दर्शकों की भीड़ और समर्थन पसंद है, चुनौती पसंद है और मुझे यह पता लगाना अच्छा लगता है कि मैं कितना तेज दौड़ सकती हूं। मुझे अपना खेल खेलना बहुत पसंद है।’’
लेकिन कॉकरॉफ्ट ने स्वीकार किया कि हर गुजरते साल के साथ प्रतिस्पर्धा कठिन होती जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से हर साल कठिन होता जा रहा है और हमेशा नई लड़कियां चुनौती पेश करने आती रहती हैं। लड़कियां तेज होती जा रही हैं इसलिए मुझे तेज दौड़ने के नए तरीके खोजने होंगे।’’
कॉकरॉफ्ट का 800 मीटर में प्रदर्शन विशेष रूप से संतोषजनक रहा क्योंकि इसे वह कभी अपनी सबसे कमजोर कड़ी मानती थीं।